New Delhi : शिवसेना ने अपनी पूरी ताकत बॉलीवुड की क्वीन कंगना रनौत को तबाह करने में लगा दी है। जैसे-तैसे सरकार बनानेवाली शिवसेना सबकुछ आपत्तिजनक तरीके से कर रही है। पहले सुशांत प्रकरण को रफादफा करने की कोशिश की और अब आवाज उठानेवालों को रफादफा करने की कोशिश की जा रही है। इसी के तहत 7 सितंबर को महाराष्ट्र सरकार के नुमाइंदे कंगना रनौत के ऑफिस परिसर में घुस आये और तोड़फोड़ की। हद तो यह हो गई कि इससे भी चैन नहीं आया तो सुबह-सुबह बीएमसी के कारिंदे आये और कंगना के ऑफिस को बंद करने का नोटिस चस्पा कर वहां से चले गये।
Because of the criticism that @mybmc received from my friends on social media, they didn’t come with a bulldozer today instead stuck a notice to stop leakage work that is going on in the office, friends I may have risked a lot but I find immense love and support from you all 🙏 pic.twitter.com/2yr7OkWDAb
— Kangana Ranaut (@KanganaTeam) September 8, 2020
Thank you @ARanganathan72 it is evident after I exposed drug mafia Maha government is thirsty for my blood, why are they so rattled desperately lying,abusing and misquoting me! You said it so well deserve a standing ovation 👏👏👏#IndiaForKangana https://t.co/yHYuUzZJQ1
— Kangana Ranaut (@KanganaTeam) September 7, 2020
Thank you for trending #IndiaForKangana here’s my lawyer @RizwanSiddiquee explaining how @mybmc forcefully entered my office/ residential structure threatened and intimidated my house taker and announced that they will demolish the structure tomorrow. https://t.co/KsqGjeXDxC
— Kangana Ranaut (@KanganaTeam) September 7, 2020
इतना सबकुछ हो गया लेकिन नागरिक अधिकारों की बात करनेवाले सेलेब्रिटी, बुद्धिजीवी और पत्रकारों की ओर टिप्पणी तक नहीं आई। साफ है सभी पॉलिटकल खेमेबाजी का हिस्सा हो गये हैं और अब जब कंगना के खिलाफ शिवसेना की प्रताड़ना मुहिम चल रही है तो एक बड़ा प्रबुद्ध तबका खुश भी है।
महाराष्ट्र सरकार में कंगना रनौत को लेकर मची इस खलबली का कोई कारण भी स्पष्ट नहीं हो रहा है। कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी भी शिवसेना की कार्रवाई को नैतिक समर्थन दे रहे हैं। ऐसे में सवाल यह है कि कंगना की बयानबाजी से ऐसा क्या नुकसान हुआ है इन पार्टियों को। क्या यह पूरी कार्रवाई सिर्फ इसलिये हो रही है कि भारतीय जनता पार्टी ने सुशांत प्रकरण को बिहार चुनाव का एक मुद्दा बना लिया है? क्या कंगना ने कोई ऐसा बयान दे दिया जिससे महाराष्ट्र की राजनीति पर खासा असर पड़ गया? क्या कंगना रनौत ने किसी पर व्यक्तिगत टिप्पणी की कि जिससे उसके मान सम्मान को ठेस पहुंचा हो?
According to @rautsanjay61 , if we want to call anyone naughty in Maharashtra, we should call him/ her #haraamkhor … WOW !!
No wonder he is editor of #Saamna 😂😂😂
— Vivek Pathak 🇮🇳 विवेक पाठक (@pafcoms) September 7, 2020
जय महाराष्ट्र!!! pic.twitter.com/vbqTMG0KQ5
— Sanjay Raut (@rautsanjay61) September 6, 2020
Mumbai police lady constable closing door of Rhea's car, Police escorting her, running with her.
I have never seen any accused given such regard by state police. Whats happening, Why so priviledged ?
First time a State Police colluding with Accused.#WorldUnitedForSSRJustice
— Prashant Patel Umrao (@ippatel) September 8, 2020
अगर इन सवालों के पीछे जायेंगे तो पायेंगे कि कंगना सुशांत प्रकरण को आगे ले जाने में अगुआ रही और इस क्रम में उसने परोक्ष रूप से बेबी पेंग्विन का इस्तेमाल कर रिया और आदित्य ठाकरे के संबंधों पर टिप्पणी की। यही एकमात्र कारण लगता है जिससे महाराष्ट्र सरकार तिलमिलाई हुई है। लेकिन इस तरह के बयान जब आये थे तब तक सुशांत प्रकरण की जांच में सीबीआई, ईडी और एनसीबी की इन्ट्री नहीं हुई थी। तो महाराष्ट्र सरकार और महाराष्ट्र पुलिस सुशांत प्रकरण से जुड़े सारे सबूतों नेस्तनाबूद करने में लगी थी। लेकिन जैसे ही मामला मुम्बई पुलिस के हाथ से निकला महाराष्ट्र सरकार खासकर शिवसेना उन लोगों से भिड़ने को तैयार हो गई, जो इस प्रकरण में अगुआ बन आवाज उठा रहे थे। और इसमें सबसे पहला नाम कंगना रनौत का आया।
अब कंगना रनौत के साथ पब्लिक सेंटीमेंट है तो शिवसेना के हाथ में महाराष्ट्र सरकार की पूरी पावर। और बदला लेने के मूड में उद्धव और आदित्य ठाकरे हैं न कि संजय राउत। हद तो यह है कि जो बुद्धिजीवी कल तक सामाजिक और राजनैतिक कुव्यवस्थाओं पर खुलकर बोल रहे थे अब चुप हैं। यही नहीं मुम्बई में रहनेवाले तमाम तरह के सेलेब्रिटी जो कल तक सुशांत प्रकरण में मुम्बई पुलिस के खिलवाड़ पर चुप्पी साधे हुये थे वे पीआर स्टंट से खेमेबाजी का हिस्सा हो गये हैं। अभी तक सीबीआई, एनसीबी और ईडी ने अपनी चार्जशीट नहीं दी है। वे हर ऐंगल से इस मामले को देख रहे हैं, साक्ष्य जुटा रहे हैं। लेकिन इन प्रबुद्ध लोगों ने ट्विटर पर यह कहना शुरू कर दिया है कि तीनों एजेंसी को कुछ नहीं मिला। और इस घोषणा के पीछे उनके तर्क बिलकुल भी पल्ले नहीं पड़ते।
If you really want to find out what killed Sushant, go back to the original charges. Harassment, humiliation in public, bullying. There are people in Bollywood who constantly ridiculed him. In this @kangna_official is right. You cannot survive Bollywood with a fragile mind.
— Pritish Nandy (@PritishNandy) September 8, 2020
Dear vulture media, what if Rhea Chakravarty takes any extreme step due to your cheap propaganda and lies? Do you have any shame?
She must have a very supportive family, for she's still sane. Someone who doesn't have a strong family support would break in the face of such filth!
— Shehla Rashid (@Shehla_Rashid) September 7, 2020
So it’s now confirmed: @IndiaToday investigation shows that Rs 15 crore was never paid to Sushant Singh Rajput which the family claimed had been ‘laundered’ by Rhea! Will ED accept that their basic money laundering case has fallen? Or will we remain a #BananaRepublic ? https://t.co/t9TLY9UbG9
— Rajdeep Sardesai (@sardesairajdeep) September 7, 2020
#Exclusive | Was #SushantSinghRajput paid Rs 15 crore? Listen in to what filmmaker Rumi Jaffery said. Watch this India Today Special investigation. #JusticeForSSR pic.twitter.com/gFUOeTPSRg
— Rahul Kanwal (@rahulkanwal) September 7, 2020
आज तक न्यूज चैनल के ऐंकर्स ने तो इस पूरे प्रकरण में अजीबोगरीब नजीर पेश कर दी है। सुशांत प्रकरण के कवरेज में पीआर कवरेज का ऐसा तड़का लगाया है कि कोई भी आम आदमी चक्कर में पड़ जाये। आज तक न्यूज चैनल की ऐंकर अंजना ओम कश्यप खबर करती हैं कि एम्स के डॉक्टरों ने कूपर हॉस्पिटल के डॉक्टरों से जवाब तलब किये। एम्स कूपर हॉस्पिटल की रिपोर्ट से इत्तेफाक नहीं रखता। और भी कई तरह के खुलासे किये जिससे ऐसा लगता है कि कूपर हॉस्पिटल के डॉक्टरों ने कई तथ्यों की अनदेखी की। ठीक उनके इस रिपोर्ट के बाद ग्रुप एडिटर राहुल कंवल और राजदीप सरदेसाई इस बात को लेकर ट्वीट करने लगते हैं कि केस में कुछ नहीं मिला। आज तक के स्टिंग में साफ हो गया कि 15 करोड़ रुपये रूमी जाफरी ने नहीं दिये।
आश्चर्यजनक तो यह है कि सुशांत प्रकरण से इस स्टिंग का कोई लेनादेना नहीं है। क्योंकि सुशांत के पिता ने एफआईआर में कहीं ये बात नहीं थी कि रूमी जाफरी द्वारा 15 करोड़ रुपये दिये गये और उसकी हेराफेरी हुई। यही नहीं रूमी जाफरी का स्टिंग किसने किया तो शम्स ताहिर खान ने। अब बच्चे भी पहचानते हैं जिस शख्स को उसने स्टिंग कैसे किया। आपसी बातचीत को स्टिंग बनाकर पेश किया गया। और इसी स्टिंग के आधार पर सारे सेलेब्रिटी ट्विटर पर सुशांत के चाहनेवालों की धज्जियां उड़ाने लगें।
Shivsena MLA @rautsanjay61 abused and threatened @KanganaTeam on media. Where are all the liberandus and feminist ? Why there is no call for action against him ? Had it been any BJP Mla, it would have been a national propaganda.#KanganaVsSena https://t.co/RoezUjCKj3
— Darsh Dhyani (@darsh_dhyani) September 6, 2020
When gunda chapri comes in to power @rautsanjay61 @OfficeofUT @CMOMaharashtra. Whole life he was the dog of balasaheb and now of @OfficeofUT. Atleast teach him some manners even though he is uneducated. #KanganaVsSena https://t.co/uMzsnj6aim
— SHASHANK (@shashanksrbh) September 6, 2020
Hatt off 🙌🙌 @pradip103 He might be didn't sleep from lastnight then also he is Countiouly Giving his best & really salute to his Gutts he doesn't Care he directly Chase that Crimial asks her Rheaevil karama that she has done in front of whole world.🌏 #WorldUnitedForSSRJustice pic.twitter.com/KRLjXnkzYt
— ShristySHUkLA9760🔱 (@ShirityS) September 8, 2020
साफ है, पूरा खेल पैसों का है। महाराष्ट्र सरकार की मुश्किल कम करने का है और पीआर के जरिये इस प्रकरण में अपनी ऐसी तैसी करवा चुके आदित्य ठाकरे और मुम्बई पुलिस के चेहरे को दुरुस्त करने की कोशिश है। और कोई दूसरा कारण दूर दूर तक नहीं दिखता। मगर इस पीआर स्टंट से, नामचीन हस्तियों से ट्वीट कराने से यह दुरुस्त हो पायेगा, ऐसा भी होता नहीं दिखता। फिलहाल तो सभी इस लड़ाई में लहर काट रहे हैं। और सबसे ज्यादा फायदा हो रहा है कंगना का, जिसकी छवि दिनोदिन बड़ी होती जा रही है।