New Delhi : कोरोना आपदा ने चार महीने में दुनिया की आर्थिकी की कमर तोड़ दी है। स्वास्थ्य की हालत ऐसी है कि पूरी दुनिया संभल ही नहीं पा रही। इससे एकबात और साफ हो गई है कि महामारी का दुनिया के कूटनीतिक माहौल पर भी बहुत बड़ा असर होने वाला है। बहरहाल अमेरिका के विदेश मंत्री माइकल पोम्पिओ ने एक साथ भारत, जापान, दक्षिण कोरिया, आस्ट्रेलिया, इजरायल और ब्राजील के विदेश मंत्रियों के साथ बैठक कर चीन को अभी तक का सबसे बड़ा संदेश दिया है। इस बैठक में कोरोना को लेकर ज्यादा पारदर्शिता बरतने का मुद्दा उठा। इस बैठक को चीन पर दबाव बढ़ाने की रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है।
A broad-based virtual meeting on responding to the #CoronaVirus challenge.
Productive discussion with FMs @SecPompeo, @MarisePayne, @Israel_katz, @moteging @ernestofaraujo & Kang Kyung-wha. pic.twitter.com/iOYWJAai2D
— Dr. S. Jaishankar (@DrSJaishankar) May 11, 2020
अमेरिकी विदेश मंत्रालय की प्रेस ब्रीफ के अनुसार सेक्रेटरी पोम्पिओ ने इन छह देशों के विदेश मंत्रियों के साथ बैठक में कोरोना के खिलाफ लड़ाई में अंतरराष्ट्रीय सहयोग, पारदर्शिता और जिम्मेदारी तय करने के मुद्दे पर चर्चा की। इनके बीच भविष्य में होने वाले स्वास्थ्य संबंधी संकट और कानून सम्मत अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था कायम करने के विषय पर भी चर्चा हुई है। बता दें कि अमेरिका लगातार चीन पर यह आरोप लगा रहा है कि वह कोरोना को लेकर पारदर्शिता से काम नहीं किया। समय पर दुनिया को इस महामारी के बारे में सूचना नहीं दी। अमेरिका के अलावा जापान के विदेश मंत्री मोतेगी तोशीमित्सु और आस्ट्रेलिया की विदेश मंत्री सुश्री मेरिस पेयने ने भी कोविड-19 को लेकर पारदर्शी व्यवहार करने की बात कही है।
ऐसा पहली बार हुआ है कि अमेरिका ने कुछ प्रमुख देशों को एक साथ कोरोना पर विचार विमर्श करने को इकट्ठा किया है। अमेरिकी विदेश मंत्रालय का बयान साफ तौर पर संकेत देता है कि इसमें साउथ चाईना-सी का मुद्दा भी उठा है। चीन के अतिक्रमण को लेकर अमेरिका हमेशा यह कहता रहा है कि वहां कानून सम्मत व्यवस्था होनी चाहिए। भारत, जापान, दक्षिण कोरिया और आस्ट्रेलिया भी साउथ चाईना-सी में अमेरिका के रुख से सहमति रखते हैं। अमेरिका, जापान, आस्ट्रेलिया और भारत के बीच एक नये सहयोग को लेकर बातचीत का ढांचा भी तैयार कर लिया गया है।
Conversation covered pandemic response, global health management, medical cooperation, economic recovery and travel norms. Look forward to continuing this engagement.
— Dr. S. Jaishankar (@DrSJaishankar) May 11, 2020
भारत अभी तक इस बारे में खुल कर अपने पत्ते नहीं खेल रहा। भारत की रणनीति फिलहाल अपने पड़ोसी देश चीन को लेकर कोई तल्खी दिखाने से बचने की है। भारत का आधिकारिक मत यह है कि अभी कोरोना के खात्मे पर पूरा ध्यान दिया जाना चाहिए। किसी देश ने क्या भूमिका निभाई है इस पर बाद में बात की जा सकती है। वैसे भारत ने अपनी एफडीआइ नीति में बदलाव कर चीन की कंपनियों को निशाना बनाया है, चीन ने इस पर तीखी प्रतिक्रिया भी जताई है। दोनो देशों की सेनाओं के बीच भी अंतरराष्ट्रीय सीमा पर कुछ झड़पों की बाते सामने आई है। इसके बावजूद भारत कोविड-19 के मुद्दे पर अभी चीन के सामने खड़ा होना नहीं चाहता है। मंगलवार को भी पांच देशों के विदेश मंत्रियों के साथ विमर्श के बाद विदेश मंत्री एस जयशंकर ने ट्वीट किया कि कोविड वायरस की चुनौतियों पर एक विस्तृत वर्चुअल मीटिंग हुई। इस महामारी से निपटने के अलावा आर्थिक चुनौतियों का सामना करने और यात्रा नियमों के बारे में भी चर्चा हुई है। आगे भी ऐसी चर्चा होती रहेगी।