New Delhi : रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने रविवार को आत्मनिर्भर भारत की दिशा में बड़े ऐलान किये। 101 रक्षा उत्पादों के विदेशी आयात पर प्रतिबंध लगा दिये हैं। इन्हें अब भारत में ही तैयार किया जायेगा। इसका मकसद देश के रक्षा बाजार को मजबूत करना है। इन उपकरणों को तैयार करने में रक्षा अनुसंधान और विकास संस्थान (DRDO) की मदद ली जायेगी। इसे तीनों सेनाओं की जरूरत के हिसाब से तैयार किया जायेगा। यह फैसला भारत के रक्षा बाजार के आत्मनिर्भर बनने की दिशा में बड़ा मौका होगा।
The list of 101 embargoed items comprises of not just simple parts but also some high tech weapon systems like artillery guns, assault rifles, corvettes, sonar systems, transport aircraft, LCHs, radars & many other items to fulfil needs of our Defence Services: Defence Minister https://t.co/adSforDvW5 pic.twitter.com/TUBcfthOO6
— ANI (@ANI) August 9, 2020
इन प्रोडक्टस को आर्म्ड फोर्स की मांग और डीआरडीओ की डिजाइन के आधार पर बनाया जायेगा। इन 101 प्रोडक्ट्स की लिस्ट को आर्म्ड फोर्सेस, प्राइवेट इंडस्ट्रीज से कई बार विचार-विमर्श के बाद तैयार किया गया है। तीनों सेनाओं ने अप्रैल 2015 से अगस्त 2020 के बीच ऐसी 260 स्कीम्स पर काम किया। इनकी लागत करीब 3.5 लाख करोड़ रुपये थी। अगले 6 या 7 साल में डोमेस्टिक डिफेंस इंडस्ट्री को करीब 4 लाख करोड़ रुपये के कॉन्ट्रैक्ट मिलने की उम्मीद है।
इसकी घोषणा करते हुये रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा – यह रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की दिशा में एक बड़ा कदम है। रक्षा मंत्रालय ने यह सूची सशस्त्र बलों, सार्वजनिक और निजी उद्योग सहित सभी हितधारकों के साथ कई दौर के परामर्श के बाद तैयार की है। इस दौरान भारतीय उद्योग की वर्तमान और भविष्य की क्षमताओं का आकलन भी किया गया। तीनों सेनाओं ने 260 योजनाओं के तहत इन उत्पादों का अप्रैल 2015 से अगस्त 2020 के बीच 3.5 लाख करोड़ रुपये का ठेका दिया। अनुमान है कि अगले 6-7 साल में घरेलू उद्योग को करीब 4 लाख करोड़ रुपये के ठेके मिलेंगे।
List of 101 defence weapons/platforms to be put on import embargo by Defence Ministry December 2020 onwards. https://t.co/adSforDvW5 pic.twitter.com/mYPH3nEnjr
— ANI (@ANI) August 9, 2020
रक्षा मंत्री ने कहा- आयात पर बैन को 2020 से लेकर 2024 के बीच लागू करने की योजना है। हमारा उद्देश्य सशस्त्र बलों की आवश्यकताओं के मामले में रक्षा उद्योग को आगे बढ़ाना है ताकि स्वदेशीकरण के लक्ष्य को प्राप्त किया जा सके। उसमें कुछ उच्च तकनीक वाले हथियार सिस्टम भी हैं जैसे- आर्टिलरी गन, असॉल्ट राइफलें, कोरवेट, सोनार सिस्टम, ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट, एलसीएच, रडार आदि।