New Delhi : CAA और NRC के खिलाफ दिल्ली के Shaheen Bagh में 58 दिन से विरोध प्रदर्शन जारी है. इस प्रदर्शन के कारणकालिंदी कुंज–शाहीन बाग सड़क बंद है. इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई थी. इस पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्टने सोमवार को कहा कि अनंतकाल के लिए किसी सार्वजनिक रास्ते को बंद नहीं किया जा सकता है. सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी पर शाहीनबाग की महिलाओं ने कहा कि सरकार जब तक कानून वापस नहीं लेगी, हम नहीं हटेंगे. हमें मालूम है कि सार्वजनिक सड़क है, लेकिनकाला कानून जब तक वापस नहीं होगा, नहीं हटेंगे.
इससे पहले सर्वोच्च अदालत ने सीधे तौर पर प्रदर्शनकारियों को हटाने का आदेश देने से इनकार कर दिया है. हालांकि, सुप्रीम कोर्ट काकहना है कि अनंतकाल के लिए किसी सार्वजनिक रास्ते को बंद नहीं किया जा सकता है.
सुप्रीम कोर्ट में अब इस मामले की अगली सुनवाई 17 फरवरी को होगी. अदालत ने कहा है कि अगर इतने दिनों तक इंतजार किया है तोएक हफ्ता और भी कर सकते हैं. जस्टिस संजय किशन कौल, जस्टिस के.एम. जोसेफ की बेंच ने कहा कि इस मामले में पुलिस औरसरकार को पक्षकार बनाया गया है, ऐसे में उनकी बात सुनना जरूरी है. सर्वोच्च अदालत ने दिल्ली पुलिस और केंद्र सरकार को नोटिसजारी किया है.
जस्टिस संजय किशन कौल और जस्टिस के. एम. जोसेफ की खंडपीठ ने कहा, ‘हम समझते हैं कि समस्या है. अब हमारे सामने सवालयह है कि हम इसको कैसे हल करते हैं?’
इसके अलावा शाहीन बाग में प्रदर्शन के दौरान मासूम की मौत पर सुप्रीम कोर्ट ने स्वत: संज्ञान लिया है. प्रदर्शन में मासूम और नाबालिगोंकी भागीदारी रोकने को लेकर भी आज सुनवाई हुई. बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने सड़क से प्रदर्शनकारियों को हटाने की मांग वाली याचिकापर दिल्ली विधानसभा चुनाव के बाद सुनवाई करने का फैसला लिया था.
शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि वह दिल्ली के शाहीन बाग में नागरिकता संशोधन अधिनियम के विरोध में हो रहे प्रदर्शन कीवजह से सड़क बंद होने की समस्या को समझता है. इसके बाद शीर्ष अदालत ने प्रदर्शनकारियों को सड़क से हटाने की मांग करने वालीयाचिका पर सुनवाई को सोमवार तक के लिए टाल दिया था.