New Delhi : हौसले अगर बुलंद हो तो एक बार असफलता मिलने के बाद भी सफलता पाई जा सकती है। ये इंसान पर निर्भर करता है कि हार मिलने पर थक कर बैठ जाना है या फिर दोबारा कड़ी मेहनत करनी है। हार को जीत में बदलना है या जिंदगीभर रोना है। आज हम आपको एक ऐसी लड़की की कहानी के बारे में बताएंगे जो छठी क्लास में फेल हो गई थी। मगर उन्होंने हार नहीं मानी और कड़ी मेहनत के बल पर पहले अटेम्प्ट ही यूपीएससी का टेस्ट पास कर लिया और IAS बनीं।
She was failed in class 6th,aftr it she never looked back n secure 2nd rank in IAS 2011..she is #rukmini riar.frm #sheena agarwal's fb page
— Dev Choudhary, IAS (@DevChoudharyIAS) April 7, 2013
2011 में चंडीगढ़ की रूक्मिणी रायर ने यूपीएससी की परीक्षा में पूरे देशभर में दूसरा स्थान हासिल किया था। उन्होंने टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज से मास्टर्स डिग्री लेने के बाद यूपीएससी की परीक्षा देने के बारे में सोचा। रूक्मिणी ने बिना कोचिंग के पहली बार में ही यह टेस्ट क्लीयर कर लिया। वह दिन में 6 से 7 घंटे पढ़ती थी।
एक इंटरव्यू के दौरान रुक्मिणी ने बताया कि वह छठी क्लास में फेल हो गई थी। इसके बाद उनके पेरेंट्स ने उन्हें आगे कि पढ़ाई करने के लिए डलहौजी के सेक्रेड हार्ट स्कूल में भेजा दिया। मां-बाप से दूर बोर्डिंग स्कूल के दबाव को झेलना उनके लिए मुश्किल हो गया था। पढ़ाई में मन नहीं लग रहा था। क्लास में फेल होने के बाद किसी के सामने जाने की हिम्मत नहीं होती थी। यह सोच कर शर्म आने लगी थी कि दूसरे लोग मेरे बारे में क्या सोचेंगे। इसी डर के मारे मैं धीरे-धीरे डिप्रेशन का शिकार होने लगी। मगर बाद में मन में ख्याल आया की इस परेशानी से खुद ही बाहर निकलना होगा।
जिंदगी की दोबारा अच्छी शुरुआत करने के लिए उन्होंने फिर से मेहनत करने का फैसला किया। रूक्मिणी का कहना है, ‘मैं सबको यह दिखाना चाहती थी कि अगर मुझे अवसर दिया गया तो निश्चित रूप से कुछ ना कुछ कर के दिखाऊंगी’। जब मुझे सफलता मिली तो लोगों के व्यवहार में बहुत परिवर्तन देखने को मिला। उन्होंने यूपीएससी की तैयारी कर रहें युवाओं को संदेश भी दिया है। ‘असफलता खराब नहीं है लेकिन यह हम सब पर निर्भर करता है कि उससे सबक लेकर आगे बढ़ना है या परेशान होना। यदि आप कड़ी मेहनत के इच्छुक हैं तो हर मुसीबत को दूर कर सकते हैं’।