New Delhi : महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने 21 मई को होने वाले राज्य विधान परिषद के चुनाव के लिये आज सोमवार 11 मई को अपना नामांकन दाखिल किया। सीएम उद्धव ठाकरे निर्विरोध विधान परिषद के सदस्य बन गये। लेकिन इतना तो साफ है कि आज इस पूरी प्रक्रिया में सोशल डिस्टेन्सिंग गायब रही। छह फीट तो दूर एक दो फीट की दूरी भी मेंटेन नहीं हो पा रही थी। तस्वीरों से साफ है कि लोग इस पूरी औपचारिक सरकारी प्रक्रिया में सोशल डिस्टेन्सिंग में कोरोना को भूल बैठे और उनके दिमाग में सिर्फ चुनाव ही चल रहा था।
मुंबई: महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने 21मई को होने वाले राज्य विधान परिषद के चुनाव के लिए अपना नामांकन दाखिल किया।
सीएम उद्धव ठाकरे निर्विरोध विधान परिषद के सदस्य बने। pic.twitter.com/vkvlmIm7Ga
— ANI_HindiNews (@AHindinews) May 11, 2020
कल 10 मई को शिवसेना की ओर से नाराजगी जाहिर किये जाने और उद्धव ठाकरे के निर्विरोध नहीं चुने जाने की सूरत में एमएलसी चुनाव नहीं लड़ने की चेतावनी के बाद कांग्रेस ने दूसरे उम्मीदवार का नाम वापस ले लिया था। महाराष्ट्र कांग्रेस प्रमुख बालासाहेब थोराट ने रविवार को इसकी घोषणा की। इसके बाद उद्धव ठाकरे के लिए निर्विरोध चुने जाने का रास्ता साफ हो गया था और आज वो निर्विरोध निर्वाचित भी हो गये।
एमएलसी चुनाव में कांग्रेस की तरफ से दो उम्मीदवारों के नामों की घोषणा के बाद नाराज होकर शिवसेना ने दो टूक कह दिया था कि यदि उद्धव ठाकरे निर्विरोध नहीं चुने गये तो वह एमएलसी चुनाव नहीं लड़ेंगे। मुख्यमंत्री बने रहने के लिए ठाकरे के लिए एमएलसी चुना जाना आवश्यक था।
शिवसेना नेता संजय राउत ने रविवार को कहा था – मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे यदि निर्विरोध नहीं जीते तो वह एमएलसी चुनाव नहीं लड़ेंगे। कांग्रेस पार्टी दो सीटों पर उम्मीदवार उतारने पर अड़ी है और इससे चुनाव की नौबत आयेगी। इस सियासी ड्रामे से शिव सेना चीफ दुखी हैं। महाराष्ट्र कांग्रेस चीफ बालासाहेब थोराट को दूसरे उम्मीदवार का नाम वापस लेने के लिए संदेश भेजा है।
शनिवार रात थोराट ने बीड जिले के पार्टी अध्यक्ष राजकिशोर मोदी का नाम दूसरे उम्मीदवार के रूप में घोषित की थी। भारतीय जनता पार्टी पहले ही चार उम्मीदवारों के नामों की घोषणा कर चुकी है। एनसीपी और शिव सेना ने दो-दो उम्मीदवारों के नामों की घोषणा की है। कांग्रेस की ओर से भी दो उम्मीदवारों की घोषणा के बाद सत्ताधारी गठबंधन के उम्मीदवारों के बीच चुनाव की आवश्यकता पैदा हो गई थी।