New Delhi : मध्यप्रदेश के मंदसौर में हिंदू-मुस्लिम एकता की ऐसी मिसाल सामने आई है, जिसे देखकर कहा जा सकता है कि हमारे देश को कोई धर्म के आधार पर बांट नहीं सकता। देशभर में अनलॉक-1 के दौरान धर्मिक स्थलों को खोलने की अनुमति दे दी गई है। हालांकि, कुछ पाबंदिया भी लगाई गई हैं। इन्हीं में से एक पाबंदी यह है कि मंदिरों में भक्तों को कुछ भी चीज छूने की इजाजत नहीं होगी, ताकि संक्रमण न फैले। ऐसे में मंदिरों में बजनेवाली घंटियों पर भी रोक लग गई। हालांकि, ये बात मंदसौर के नाहरू खान को बहुत परेशान करने लगी और उन्होंने मंदिरों में घंटियों को बजाने का एक तरीका ढूंढ निकाला।
MP: A man, Nahru Khan has installed contactless bell at Pashupatinath Temple, Mandsaur. He says "We listen to azan, so I thought clanging of bells should also be heard. It works on proximity sensor (able to detect presence of nearby objects without physical contact)". #COVID19 pic.twitter.com/bjY13EqZk6
— ANI (@ANI) June 13, 2020
मंदसौर के समाजसेवी नाहरू खान ने बताया- मेरे मन में यह मलाल था कि अनलॉक-1 में मस्जिदों से अजान सुनाई देने लगी, लेकिन मंदिर में घंटी की आवाज नहीं गूंज रही है। इसलिए मैंने सेंसर से घंटी बजाने पर काम शुरू किया, जिसमें घंटी को छूने की जरूरत नहीं है। तीन दिन की मेहनत के बाद उन्होंने पशुपतिनाथ मंदिर में ऐसा सेंसर लगाया है, जिसके नीचे हाथ और चेहरा दिखाने पर घंटी अपने आप बजने लगती है।
मंदसौर स्थित पशुपतिनाथ मंदिर शायद देश का पहला ऐसा मंदिर है, जहां सेंसर से घंटियां बज रही हैं। यह काम एक मुस्लिम शख्स के कारण संभव हो पाया है। इस सेंसर वाली घंटी को देखकर भक्त काफी खुश हैं। इसमें एक रॉड के बीच में रोलर और नीचे की तरफ सेंसर लगा है। नीचे हाथ या चेहरा दिखाने पर यह रॉड के अंदर लगे रोलर को घुमाना शुरू करता है। घंटी रोलर से बांध दी गई है, इसलिए सेंसर रोलर रस्सी खींचता और छोड़ता है। इससे बिना हाथ लगे घंटी बजती है। अब ऐसी घंटियां अन्य मंदिरों में भी देखने को मिल सकती हैं।
गौरतलब है कि 8 जून से अब तक हजारों लोग मंदिर में पहुंचकर भगवान के दर्शन कर चुके हैं और हर कोई इस सेंसर वाली घंटी को देकर पहले हैरान होता है, फिर उसके चेहरे पर मुस्कान आ जाती है।