रिटायर फौजी ने गांव वालों के लिए दान कर जिंदगी भर की कमाई, गांव के लिये बनवाई सड़क

New Delhi : देश की सेवा में अपनी पूरी जिंदगी लगाने वाले सेना के रिटायर्ड फौजी से गांव के लोगों का दर्द नहीं देखा गया और सड़क निर्माण के लिए पांच लाख रुपए दान में दे दिए। रिटायर फौजी की तरफ से गांव के लोगों को दी गई इस सौगात से यहां के लोगों को दुर्गम पहाड़ियों पर 800 मीटर का कच्चा रास्ता मिल गया। गांव के विकास के लिए फौजी की तरफ से उठाए गए इस कदम की हर तरफ तारीफ हो रही है। लेकिन, फौजी की मेहनत सफल नहीं रहीं। कारण बरसात में एक बार फिर से कच्ची सड़क बह गई। एक बार फिर से उन्होंने सड़क की मरम्मत के लिए 75 हजार रुपए दान दिए।

जी हां, हिमाचल प्रदेश में कांगड़ा जिले के बैजनाथ उपमंडल की मझेडा पंचायत के लुगट गांव के फौजी सरदारी लाल ने गांव के लोगों की समस्या को देखकर इतना बड़ा कदम उठाया। लुगट गांव में करीब 30 परिवार रहते हैं, लेकिन अभी तक देश और दुनिया से यह गांव नहीं जुड़ा हुआ है। इस गांव के लोगों को अभी तक सड़क नसीब नहीं हुई है। गांव तक सड़क न होने के कारण मुख्य सड़क तक पहुंचने के लिए पगडंडियो का सहारा लेना पड़ता है। अगर किसी भी मरीज को अस्पताल ले जाना होता है, तो उसे पालकी में बिठाकर अस्पताल तक पहुंचाया जाता है। बरसात के दिनों में यहां के लोगों को कई दिक्कतों का सामना करना पड़ता था।
यह कहानी पिछले साल 2019 की है। गांवों के लोगों की समस्या सरदारी लाल से नहीं देखी गई। मरीजों की समस्या को देखते हुए सड़क निर्माण के लिए उन्होंने पांच लाख रुपये दे दिए। मुख्य सड़क तक जोड़ने के लिए पूरे परिवार ने मेहनत की आखिरकार गांव तक के लोगों को कच्ची सड़क मिली भी गई। लेकिन गांव के लोगों को ज्यादा दिनों तक सड़क का सुख नहीं मिल सका। बरसात में सड़क फिर से खराब हो गई।
सरदारी लाल बताते हैं कि हम लोग काफी समय से पक्की सड़क बनवाने की मांग कर रहे हैं, लेकिन अभी तक सड़क नहीं बनवाई गई है। गांव के लोगों को सड़क उपलब्ध कराने के लिए सरकारी लाल की तरफ से दिए गए रुपयों से 800 मीटर कच्ची सड़क बन गई। इस कच्ची सड़क से कम से कम जीप जा सकती थी। सड़क बनने से गांव के 30 परिवारों को आने जाने में काफी राहत मिल गई थी। लेकिन भारी बरसात की वजह से सड़क पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गई।

उन्होंने बताया कि अब सड़क की तरफ प्रशासन का ध्यान गया है और सरकार की तरफ से 5 लाख रुपये मंजूर किए गए। यही नहीं जल्द से जल्द काम शुरू हो सके, इसके लिए अपनी जेब से 75 हजार रुपये बीडीओ लंबागांव के कार्यालय में जमा कर दिए है। यह पैसे उन्होंने सड़क की मरम्मत के लिए दिए है। बहरहाल अभी तक परिस्थितियां जस की तस बनी हुई है। लॉकडाउन में परिस्थिति और भी खराब हो गई है।

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