New Delhi : कोरोना आपदा से जंग के लिए सरकार हर तरीके से फंड एकत्र कर रही है। इस बीच इनकम टैक्स अफसरों ने ज्यादा कमाने वालों और विदेशी कंपनियों से ज्यादा टैक्स की वसूली की सिफारिश की है। कोरोना से लड़ाई में शॉर्ट और मीडियम टर्म में नकदी का इंतजाम करने के लिए यह सुझाव दिये गये हैं। टैक्स अफसरों ने फिस्कल ऑप्शंस एंड रेस्पॉन्स टू द कोविड-19 एपेडमिक (फोर्स) नाम से एक पेपर तैयार किया है। इंडियन रेवेन्यू सर्विस (आईआरएस) एसोसिएशन ने सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्सेज (सीबीडीटी) के चेयरमैन पीसी मोदी को यह पेपर सौंप दिया है।
समाचार एजेन्सी पीटीआई के अनुसार 23 अप्रैल को सौंपे गये अनुशंसा में केवल ईमानदार और समय पर टैक्स जमा करने वाले करदाताओं को ही राहत देने की सिफारिश की गई है। खासतौर पर समय पर रिटर्न फाइल करने वालों को कर में राहत देने की सिफारिश की गई है। आईटीआर फाइल नहीं करने वालों और टीडीएस के बोगस क्लेम करने वालों की संख्या लगातार बढ़ रही है। कोरोना से लड़ाई में राशि जुटाने के लिए हाल ही में केंद्र सरकार ने अपने कर्मचारियों और पेंशनर्स के महंगाई भत्ता में बढ़ोतरी को 30 जून 2021 तक रोक दिया है। इस कदम से सरकार को 37 हजार करोड़ रुपए की बचत का अनुमान जताया गया है।
50 टैक्स अधिकारियों की टीम की ओर से तैयार इस पेपर में शॉर्ट टर्म (3 से 6 महीने) के लिए सुपर रिच स्लैब को मौजूदा 30 फीसदी से बढ़ाकर 40 फीसदी करने का सुझाव दिया गया है। यानी सालाना 1 करोड़ या इससे ज्यादा की कमाई वालों पर 30 फीसदी की बजाए 40 फीसदी टैक्स लगाया जाएगा। इसके अलावा 5 करोड़ या इससे ज्यादा की कमाई वालों के लिए वेल्थ टेक्स को फिर से लगाया जाए। पेपर में कहा गया है कि 2021 के बजट में सुपर रिच पर लगाए गए सरचार्ज से मात्र 2700 करोड़ रुपए का राजस्व मिलने का अनुमान है। इसीलिए सुपर रिच पर टैक्स स्लैब को बढ़ाने की सिफारिश की गई है। आपको बता दें कि जिनकी व्यक्तिगत कर योग्य आय सालाना 1 करोड़ रुपए से ज्यादा होती है उन्हें सुपर रिच की श्रेणी में माना जाता है।
इस टीम ने अल्ट्रा-रिच पर एक तय समयसीमा में टैक्स लगाने के दो विकल्प सुझाए हैं। पहला सुझाव यह है कि सालाना 1 करोड़ से ज्यादा आय वालों के लिए अधिकतम कर के स्लैब को मौजूदा 30 फीसदी से बढ़ाकर 40 फीसदी कर दिया जाए। दूसरा सुझाव यह है कि जिनकी नेट वेल्थ 5 करोड़ रुपए या इससे ऊपर है, उन पर वेल्थ टैक्स फिर से लगाया जाए। ग्रुप ने मीडियम टर्म (9 से 12 माह) में ज्यादा राजस्व जुटाने के लिए देश में कारोबार कर रही विदेशी कंपनियों पर सरचार्ज बढ़ाने का सुझाव दिया है। मौजूदा समय में विदेशी कंपनियों पर 1 से 10 करोड़ पर 2 फीसदी और 10 करोड़ से ज्यादा की कमाई पर 5 फीसदी टैक्स लगता है। अतिरिक्त राजस्व जुटाने के लिए कोविड-19 सेस लगाने की सिफारिश की है। पेपर के अनुसार अधिकारियों के ग्रुप ने 4 फीसदी की दर से वन टाइम ‘कोविड रिलीफ सेस’ लगाने की सिफारिश की है। पेपर में आरंभिक अनुमान जताया गया है कि इस सेस से सरकारी खजाने में करीब 15 से 18 हजार करोड़ रुपए जमा होंगे।