New Delhi : कोरोना लॉकडाउन में पूरे देश की दुलारी बनी दरभंगा की चर्चित साइकिल गर्ल ज्योति कुमार को अब लोगों ने कोर्ट में घसीटकर औकात बताना शुरू कर दिया है। ज्योति गुरुग्राम में फंसे अपने पिता को साइकिल पर बिठाकर बिहार के दरभंगा पहुंच गई थी। करीब 1200 किलोमीटर साइकिल चलाकर। रातोरात वो बिहार में स्टार बन गई। सारे केंद्रीय मंत्री और मुख्यमंत्री ने क्या क्या वादे नहीं किये ज्योति के लिये। अब एक खबर यह है कि वे एक फिल्म में लीड रोल करेंगी जो उनपर ही बन रही है और यह वास्तविक जगहों पर शूट तो होगी लेकिन डाक्यूमेंट्री नहीं होगी।
Jyoti will be playing herself in the film titled #Atmanirbhar.#JyotiKumari #BicycleGirlhttps://t.co/yUPdU5vMYp
— India.com (@indiacom) July 1, 2020
ज्योति के इस कारनामे को अब एक फिल्म के जरिए दर्शकों तक पहुंचाया जाएगा जिसमें खुद ज्योति ही लीड रोल निभा रही हैं। शाइन शर्मा जल्द ही ज्योति की कहानी को दिखाने के लिए आत्मनिर्भर फिल्म डायरेक्टर करने जा रहे हैं। फिल्म की कहानी ज्योति के गुरुग्राम से बिहार तक के सफर में आई दिक्कतों पर बनाई जाएगी। इसे हिंदी, इंग्लिश और मैथिली भाषा में बनाया जाएगा। फिल्म को डायरेक्ट करने के साथ शाइन ने अपने दोस्तों मिराज, फैरोज और सजित नाम्बियर के साथ इसे प्रोड्यूस भी किया है। इसे वीमेकफिल्म के बैनर तले बनाया जाएगा।
पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक आत्मनिर्भर फिल्म को असल लोकेशन पर ही फिल्माया जाएगा हालांकि ये डॉक्यूमेंट्री नहीं होगी। इस सफर के बारे में ज्योति कुमारी ने हिंदुस्तान टाइम्स से कहा, अगर मैं इस सफर पर नहीं निकलती तो मेरे पिता भूख से मर जाते। लॉकडाउन के बाद परेशानियां बढ़ गई थीं। मकान मालिक हमें घर से भगाना चाहते थे। हमारे किराया ना देने पर उन्होंने दो बार पॉवर भी काट दिया था। मेरे पिता के पास कोई इनकम नहीं थी हमें किसी तरह घर पहुंचना था।
इस बारे में आगे ज्योति ने बताया, मैंने अपने पिता से कहा कि मैं उन्हें साइकिल से लेकर जाउंगी मगर वो नहीं माने। वो मुझसे बार-बार कह रहे थे कि मैं नहीं कर सकती। मैंने बैंक से हजार रुपए निकाले और 500 रु और जमा करके पुरानी साइकिल खरीदी। मैं हर दिन 50-60 किमी साइकिल चलाती थी। बड़े ब्रिज में साइकिल चलाना मुश्किल था। हम पेट्रोल पंप में रात गुजारते थे रास्ते में लोगों से खाना पीना मिल जाता था।
.@imsanjaimishra to play the father of Jyoti Kumari in #Atmanirbhar, the film based on the journey of the teenager who rode a bicycle from #Gurgaon to #Bihar during the #lockdown#SanjayMishra https://t.co/W1rOfhE3kJ
— Delhi Times (@DelhiTimesTweet) July 1, 2020
बिहार गर्ल ज्योति कुमारी महज 15 साल की हैं। उन्होंने तेज गर्मी में अपने पिता को साइकिल पर बैठाकर गुरुग्राम से दरभंगा तक का सफर तय किया। इनके इस हौंसले को देश के अलावा विदेश से भी सराहना मिली थी। डोनाल्ड ट्रम्प की बेटी इवांका ने भी ज्योति की जमकर तारीफ की थी। आत्मनिर्भर फिल्म को 20 भाषाओं के सबटाइटल के साथ भी दिखाया जाएगा साथ ही विदेशी लोगों के लिए इसका टाइटल ए जर्नी ऑफ माइग्रेंट है। फिलहाल उनके पिता का किरदार निभाने वाले एक्टर की तलाश जारी है।
इधर साइकिल गर्ल ज्योति कुमारी के पिता कानूनी पेंच में फंस गये हैं। दरअसल ज्योति कुमारी के पिता मोहन पासवान को गुरुवार को मुंबई की एक वेब सीरीज और डॉक्यूमेंट्री फिल्म निर्माण कंपनी ने लीगल नोटिस भेजा है। कंपनी ने ज्योति के पिता पर करार तोड़ने पर केस करने की चेतावनी दी है।
बीते 27 मई को दरभंगा के सिंहवाड़ा प्रखंड के सिरहुल्ली निवासी साइकिल गर्ल ज्योति के पिता मोहन पासवान ने कंपनी के साथ ज्योति के संघर्ष पर फिल्म बनाने के लिये करार किया था। इसपर दो लाख 51 हजार रुपये कंपनी ने देने का करार किया था। अब कंपनी ने ज्योति के पिता की दूसरे कंपनी से करार करने पर आपत्ति जतायी है। लीगल नोटिस में कंपनी ने मोहन पासवान से कहा है – इस नये और गैरकानूनी करार को वे तुरंत रद्द करें। कंपनी नहीं चाहती है कि कोई विवाद हो।
Jyoti Kumari Paswan, the teen who rode a bicycle, carrying her injured father from Delhi to their village in Bihar, is set to star in a film being made on her. The fifteen-year-old will play herself in the film titled Atmanirbhar (self-reliant)https://t.co/rJZfJAEj6J pic.twitter.com/uBBZ0tqNnI
— SheThePeople (@SheThePeople) July 1, 2020
इस संबंध में मोहन पासवान ने कहा – यह नोटिस उन्हें गुरुवार 2 जुलाई को ही मिला है। दलित समझकर उन्हें मानसिक रूप से प्रताड़ित किया जा रहा है। तरह-तरह से डराया-धमकाया जा रहा है, लेकिन मैं डरने वाला नहीं हूं। कंपनी के हर सवाल का जवाब कोर्ट को दिया जायेगा। मोहन ने कहा – जिस समय करार हुआ था उस समय मुझे गफलत में डालकर एक कागज पर हस्ताक्षर करा लिया गया था। रुपये देने का जो समय कंपनी ने तय किया था, उसने पूरा नहीं किया। कहा, वे वादा तोड़ें तो ठीक, मैं करार तोड़ूं तो गलत। मामले का कानूनी रूप से जवाब दूंगा।