NEW DELHI : मैं एक आईपीएस अधिकारी हूं और 2027 में रिटायर हो जाऊंगा. मुझे इस बात का गर्व है कि जब राम मंदिर को लेकर आंदोलन हो रहा था तो मैंने भी इस आंदोलन में बढ़चढ़कर भाग लिया था और अपने गांव से एक ईंट लेकर अयोध्या पहुंचा था. बरसों बाद अयोध्या में भव्य राम मंदिर का निर्माण हो रहा है. यह मेरे और मेरे परिवार के लिए काफी खुशी की बात है। रिटायर्ड होने के बाद अयोध्या जाऊंगा और वहां राम भक्तों के लिए चाकरी करूंगा. मन में बस राम भक्तों की सेवा करने की लालसा है। मैं जन्म से सनातन धर्म को मानने वाला हूं और इसीलिए भगवान श्री राम मेरे आराध्य हैं. जब पहली बार अयोध्या गया था तो वहां की स्थिति देखकर रो पड़ा था. भगवान से पूजा करने के दौरान यही कहता था कि किसी तरह अयोध्या में मंदिर का निर्माण हो जाए ताकि रामलला को अपना घर मिल सके.
1992 में कारसेवक बने IPS राजा बाबू, बोले- रिटायर होकर अयोध्या में करूंगा सेवा : बीएसएफ के दिल्ली हेडक्वार्टर में आईजी ट्रेनिंग के पद पर तैनात एमपी कैडर के 1994 बैच के आईपीएस अधिकारी राजा बाबू सिंह भी एक ईंट लेकर दिसंबर 1992 में अयोध्या गए. उस समय उन्होंने टेंट में विराजमान रामलला के दर्शन कर पूजित ईंट समर्पित कर राम मंदिर बनने की प्रार्थना की थी.
जानकारी के मुताबिक 31 साल पहले राजा बाबू सिंह इलाहाबाद विश्वविद्यालय के छात्र थे और प्रयागराज में सिविल सर्विसेज परीक्षा (UPSC) की तैयारी कर रहे थे. उसी दौरान वीएचपी ने छात्रों को अयोध्या ले जाने का इंतजाम किया था. राजा बाबू सिंह 1994 बैच के आईपीएस हैं और इस वक्त प्रतिनियुक्ति पर दिल्ली में बीएसएफ में बतौर आईजी ट्रेनिंग में तैनात हैं.
अयोध्या में 22 जनवरी को राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के पहले राजा बाबू सिंह ने बातचीत में कहा कि उनका सपना है कि 2027 में सरकारी नौकरी से रिटायरमेंट के बाद वो अयोध्या में राम भक्तों की सेवा करेंगे.
राजा बाबू सिंह को इस बात का गर्व है कि वो जो एक ईंट प्रयागराज से अयोध्या लाए थे वो ईंट भी राम लला के भव्य मंदिर का हिस्सा है.अब भगवान श्री राम का भव्य मंदिर बनकर तैयार है. 22 जनवरी को प्राण प्रतिष्ठा हो रही है जिसकी वजह से वह खुशी से फूले नहीं समा रहे हैं.
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