New Delhi : रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने आज 17 सितंबर को चीन को माकूल जवाब दिया। उन्होंने कहा हमारे जवानों को एलएसी पर पेट्रोलिंग करने से दुनिया की कोई ताकत रोक नहीं सकती है। हमारे जवान दिन रात अथक प्रयास कर रहे हैं। देश का मस्तक नीचे नहीं होने देंगे। कोरोना आपदा के बीच संसद के पहले सत्र के चौथे दिन रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने आज राज्यसभा में चीन विवाद पर बयान दिया। उन्होंने कहा- चीन के साथ सीमा विवाद अभी तक अनसुलझा है। चीन ने बातचीत के बीच ही 29-30 अगस्त को लद्दाख में उकसावे की कार्रवाई की। उसकी कथनी और करनी में फर्क है।
सदन में जिन सदस्यों ने आज देश की सेना के प्रति जो solidarity दिखायी है, उसकी जितनी भी प्रशंसा की जाए कम है।
सदन ने आज सभी देशवासियों को आश्वस्त कर दिया है कि चुनौती चाहे कितनी ही बड़ी क्यों न हो समस्त देशवासी मिलकर उसका मुक़ाबला करने की कूवत रखते हैं। pic.twitter.com/WKZfGorNYL
— Rajnath Singh (@rajnathsingh) September 17, 2020
चीन ने गलवान में हमारी troops की traditional patrolling pattern में व्यवधान शुरू किया, जिसके कारण face-off की स्थिति उत्पन्न हुई। हमने उन्हें यह अवगत करा दिया, कि इस प्रकार की गतिविधियाँ, यथास्थिति को एकतरफा बदलने का प्रयास हैं।ये प्रयास हमें किसी भी सूरत में मंजूर नहीं है। pic.twitter.com/rNYoS5np6q
— Rajnath Singh (@rajnathsingh) September 17, 2020
उन्होंने कहा- चीन के रवैये से साफ है कि वह दोनों देशों के समझौतों का सम्मान नहीं करता। चीन की सेना ने 1993 और 1996 के समझौते तोड़े। बॉर्डर पर शांति रखने के लिये एलएसी का सम्मान करना जरूरी है। चीन ने अवैध तरीके से लद्दाख में 38 हजार वर्ग किमी हिस्से पर कब्जा कर रखा है। चीन-पाकिस्तान के 1963 के कथित समझौते के तहत पाकिस्तान ने उसके कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) का 5,180 वर्ग किमी हिस्सा अवैध रूप से चीन को दे दिया है। चीन अरुणाचल से सटे 90 हजार वर्ग किमी के इलाके पर भी अपना दावा करता है।
रक्षा मंत्री ने राज्य सभा में अपना पक्ष रखते हुये जानकारी दी कि चीन पिछले कई दशकों से बॉर्डर के इलाकों में सैनिकों की तैनाती बढ़ा रहा है। उसने कंस्ट्रक्शन से जुड़ी गतिविधियां भी बढ़ाई हैं। हमारी सरकार ने भी बॉर्डर इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट के लिये बजट दोगुना किया है। हम चीन की किसी भी कार्रवाई का जवाब देने में सक्षम हैं। किसी भी चुनौती से पीछे नहीं हटेंगे। चीन की हरकत की वजह से गलवान घाटी में युद्ध की स्थिति बनी। हम शांति चाहते हैं, लेकिन देश की रक्षा से पीछे नहीं हटेंगे। 130 करोड़ देशवासियों को भरोसा देता हूं कि देश का मस्तक झुकने नहीं देंगे।
मैं सदन के माध्यम से १३० करोड़ भारतवासियों को यह आश्वस्त करना चाहता हूँ कि हम देश का मस्तक झुकने नहीं देंगे और न ही हम किसी का मस्तक झुकाना चाहते हैं। pic.twitter.com/euiKRhCTUX
— Rajnath Singh (@rajnathsingh) September 17, 2020
इससे पहले विदेश राज्य मंत्री वी मुरलीधरन ने राज्यसभा में एक सवाल के लिखित जवाब में बताया – भारत चाहता है कि पाकिस्तान के साथ सामान्य पड़ोसी जैसे संबंध रहें। हम चाहते हैं कि भारत-पाकिस्तान के बीच मुद्दे शांति से सुलझाए जाएं। ये पाकिस्तान की जिम्मेदारी है कि वह ऐसा माहौल तैयार करे।