अगले चरण में शताब्दी एक्सप्रेस, वंदे भारत, गरीब रथ और दुरंतो एक्सप्रेस ट्रेनों का संचालन शुरु करेगा रेलवे

New Delhi : एक जून से रेलवे की पटरियों पर दो सौ नियमित ट्रेनें दौड़ने लगेंगी। ट्रेनों के संचालन के सामान्य होने के बारे में भारतीय रेलवे बोर्ड के चेयरमैन विनोद कुमार यादव ने कहा – चरणबद्ध तरीके से ट्रेनों का संचालन सामान्य होगा। एक जून के बाद अगले चरण में शताब्दी एक्सप्रेस, वंदे भारत, गरीब रथ और दुरंतो एक्सप्रेस ट्रेनों का संचालन शुरु किया जा सकता है।

 

बोर्ड के चेयरमैन यादव ने कहा कि रेलवे में यात्रियों की बढ़ती मांग के मद्देनजर नियमित ट्रेनों का संचालन चरणबद्ध तरीके से चालू किया जाएगा। रेलवे की तैयारियां हो चुकी हैं। रेलवे के 12 लाख कर्मचारी और अधिकारी रात दिन काम जुटे हुए हैं। भारतीय रेलवे बोर्ड एक जून से चलाई जाने वाली ट्रेनों की सूची तैयार कर रहा है। अगले चरण में चलाई जाने वाली ट्रेनों की सूची उनकी प्राथमिकताओं के आधार पर तैयार की जा रही है। यादव ने बताया कि एक जून से चलाई जाने वाली नियमित ट्रेनों की सूची का निर्धारण काफी सोच विचार के बाद तैयार किया गया है।
जिन 200 ट्रेनों की सूची की अधिसूचना जारी की गई है, उनमें देश के उन ट्रेनों को शामिल किया गया है, जो लोकप्रिय रही हैं। जिन रुटों पर ट्रेनें सामान्य तौर पर खाली नहीं चलती हैं। इसीलिए अगले दौर में उन ट्रेनों को चलाने की योजना है, जो अपने गतंव्य की दूरी अप एंड डाउन दिनभर में पूरी कर लेती हैं।
इधर पहली बार रेलवे के ट्रेन पर सवार टिकट चेकिंग स्टाफ अपने परंपरागत काले कोट और टाई में नहीं दिखाई देंगे। अब वह इसके स्थान पर दस्ताने, मास्क, पीपीई किट पहने दिखेंगे और मैग्नीफाइंग ग्लास से टिकट की जांच करेंगे। भारतीय रेलवे ने यह बात कोरोना वायरस महामारी को देखते हुए शुक्रवार को जारी एक आदेश में कही।

ये निर्देश भारतीय रेलवे द्वारा जारी टीटीई के लिए गाइडलाइंस का हिस्सा हैं जो एक जून से शुरू होने वाली 200 ट्रेनों में ड्यूटी पर रहेंगे। दिशानिर्देशों के मुताबिक, कोरोना संक्रमण के प्रसार के मौकों को कम से कम रखने के लिए टीटीई स्टाफ को टाई और कोट पहनने से मना किया जा सकता है। हालांकि, वह अपना नाम और पद का बैज लगा सकेंगे।

दिशानिर्देशों में यह भी कहा गया कि स्टाफ को पर्याप्त संख्या में मास्क, फेस शील्ड, हैंड ग्लव्स, हेड कवर, सैनिटाइजर और साबुन उपलब्ध कराए जाएंगे ताकि वह अपने कार्य को सुरक्षित तरीके से अंजाम दे सकें। यह भी कहा गया है कि इसका निरीक्षण भी किया जाएगा कि टीटीई इन सभी नियमों और निर्देशों का सही तरीके से पालन कर रहे हैं या नहीं।
इसमें कहा गया है कि टिकट में जानकारियां जांचते समय किसी तरह का शारीरिक संपर्क न हो इसके लिए जहां तक संभव होगा टीटीई को मैग्नीफाइंग ग्लास उपलब्ध कराए जा सकते हैं, जिससे टीटीई बिना टिकट को छुए सुरक्षित दूरी से टिकट पर दर्ज जानकारियों की जांच कर सके।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *