New Delhi : लॉकडाउन के दौरान मजदूरों को उनके राज्य पहुंचाने के लिए चलाई जा रही ट्रेनों के किराया वसूली के मामले पर अब भारतीय रेलवे ने सफाई दी है। रेलवे ने कहा है कि वह प्रवासी मजदूरों को कोई टिकट नहीं बेच रहा है। वहीं, रेलवे राज्य सरकारों से इस वर्ग के लिए केवल मानक किराया वसूल रहा है जो कुल लागत का महज 15% है। हांलाकि रेलवे की यह सफाई बिहार सरकार के उस बयान से बिलकुल इतर है जिसमें बिहार सरकार ने कहा था कि मजदूरों का अगर घर लौटना है तो उनको किराये का भार खुद उठाना होगा। सरकार टिकट का खर्च नहीं उठायेगी।
Railways is charging only standard fare for this class from State Governments which is just 15% of the total cost incurred by Railways. Railways is not selling any tickets to migrants and is only boarding passengers based on lists provided by States: Railway Ministry Sources https://t.co/TiPKcBBTHZ
— ANI (@ANI) May 4, 2020
रेलवे मंत्रालय के सूत्रों ने न्यूज एजेंसी एएनआई से आगे कहा कि भारतीय रेलवे श्रमिक स्पेशल ट्रेन चला रही हैं। इनमें सोशल डिस्टेंसिंग का पूरा ख्याल रखा जा रहा है। श्रमिकों को उनके गंतव्य तक छोड़कर वापस खाली आ रही हैं। वहीं, वापसी के दौरान ट्रेनों को पूरी तरह से बंद रखा जाता है। रेलवे ने आगे बताया कि रेलवे की ओर से मजदूरों को मुफ्त में खाना और पानी की बोतल दी जा रही है। इसके एवज में मजदूरों से पैसा नहीं लिया जा रहा है। कहीं भी टिकट का पैसा नहीं लिया जा रहा है। ये बात सरासर गलत है।