New Delhi : कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कोरोना महामारी के वक्त देश में मनरेगा के तहत रोजगार की मांग बढ़ने को लेकर गुरुवार को सरकार पर निशाना साधा और दावा किया – प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा खोदे गये आर्थिक गड्ढे से गरीबों को मनरेगा ही बाहर निकाल रहा है। ध्यान रहे कि पीएम मोदी ने संसद में पूर्ववर्ती यूपीए सरकार पर हमला बोलते हुए कहा था – आजादी के 60 साल के बाद आपको लोगों को गड्ढे खोदने के लिये भेजना पड़ा। ये आपकी विफलताओं का स्मारक है।
मोदी जी ने कहा था कि मनरेगा में लोगों से बस गड्ढे खुदवाए जाते हैं।
पर सच्चाई यह है कि जो मोदी जी ने आर्थिक गड्ढा खोदा है उससे ग़रीबों को आज मनरेगा ही निकाल रहा है।
मनरेगा के बिना ग़रीबी नहीं ग़रीब मिट जाएगा। pic.twitter.com/btBexnkULv
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) July 16, 2020
उन्होंने ट्वीट किया- मोदी जी ने कभी कहा था कि मनरेगा में लोगों से बस गड्ढे खुदवाये जाते हैं। पर सच्चाई यह है कि मोदी जी ने जो आर्थिक गड्ढा खोदा है उससे गरीबों को आज मनरेगा ही निकाल रहा है। मनरेगा के बिना गरीबी नहीं, गरीब मिट जायेगा।
उन्होंने कोरोना वायरस महामारी के कारण देश में मनरेगा के तहत रोजगार की मांग बढ़ने से संबंधित आंकड़े का एक ग्राफ भी शेयर किया। बेरोजगारी की स्थिति को देखते हुये सरकार ने कुछ महीने पहले मनरेगा के लिए 40 हजार करोड़ रुपये के अतिरिक्त आवंटन की घोषणा की थी। इससे पहले मौजूदा वित्त वर्ष के बजट में सरकार ने मनरेगा के लिए 61 हजार करोड़ रुपये के बजट का ऐलान किया था।
दरअसल, राहुल ने मनरेगा की उपलब्धियों का जिक्र कर पीएम पर इसलिए हमला बोला क्योंकि मोदी ने 2015 में मनरेगा का मजाक उड़ाया था। उन्होंने संसद में कहा था- मेरी राजनीतिक सूझ-बूझ कहती है कि मनरेगा को कभी बंद मत करो। मैं ऐसी गलती नहीं कर सकता हूं क्योंकि मनरेगा आपकी विफलताओं का जीता-जागता स्मारक है। आजादी के 60 साल के बाद आपको लोगों को गड्ढे खोदने के लिये भेजना पड़ा। ये आपकी विफलताओं का स्मारक है और मैं गाजे-बाजे के साथ इस स्मारक का ढोल पीटता रहूंगा।