New Delhi : कोरोना आपदा के बीच चरमराती दिख रही अर्थव्यवस्था को लेकर पूरे कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी लगातार सरकार को घेर रहे हैं। गुरुवार 4 जून को राहुल ने बजाज ऑटो के मैनेजिंग डायरेक्टर राजीव बजाज से बात की। राहुल ने सबसे पहले बजाज से उनके इलाके में कोरोना की स्थिति पूछी। बजाज ने जवाब दिया- ये नया माहौल है, हम इसमें ढलने की कोशिश कर रहे हैं। यह काफी अजीब है। मुझे नहीं लगता कि किसी ने कल्पना की थी कि दुनिया को इस तरह से बंद कर दिया जायेगा। मुझे नहीं लगता कि विश्व युद्ध के दौरान भी दुनिया बंद थी। तब भी चीजें खुली थीं।
People still think infection means death, it is a herculean task to open up. To get this fear out of the mind of people there has to be a clear narrative from PM because when he says something people seem to follow: Rajiv Bajaj, MD Bajaj Auto in conversation with Rahul Gandhi pic.twitter.com/A7jKEBSgFT
— ANI (@ANI) June 4, 2020
राजीव बजाज ने कहा – कोरोना से निपटने के लिए भारत ने पूरब की बजाय पश्चिमी देशों की ओर देखा जबकि उनकी भौगोलिक स्थिति, जन्मजात प्रतिरोधक क्षमता, तापमान वगैरह बिल्कुल अलग है। भारत ने पश्चिम की नकल की। हमने सख्त लॉकडाउन को लागू करने की कोशिश की लेकिन उसे सही से लागू नहीं कर पाये। लेकिन इससे अर्थव्यवस्था को खत्म कर दिया। कोरोना के कर्व के बजाय जीडीपी के कर्व को फ्लैट कर दिया।
राजीव बजाज ने कहा – हमें जापान या स्वीडन जैसे कदम उठाना चाहिये थे। मेरे हिसाब से हमें जापान और स्वीडन के बारे में देखना था। वे हर्ड इम्यूनिटी की राह पर बढ़े। इसका मतलब यह नहीं है कि जोखिम वाले लोगों को मरने के लिये छोड़ दिया गया। इसका मतलब है सैनिटाइजेशन, मास्क, सोशल डिस्टेंसिंग का पालन। स्वीडन और जापान ने इसका पालन किया। अपने यहां तो दुर्भाग्य से हाफ लॉकडाउन रहा।
भारत में लागू लॉकडाउन को ड्रैकोनियन बताते हुए राजीव बजाज ने कहा – दुनिया में हमारे जैसा लॉकडाउन कहीं नहीं था। इस तरह का लॉकडाउन मैंने सुना भी नहीं था। बाकी देशों में लोग बाहर निकलने और जरूरी सामानों को खरीदने या किसी से मिलने के लिए स्वतंत्र थे। बजाज ने कहा कि हमारे यहां बाहर निकले लोगों को पुलिस द्वारा पीटा गया, अपमानित किया गया। यहां तक कि बुजुर्गों को भी नहीं बख्शा गया।
राजीव बजाज ने कहा – दुनिया में सड़क हादसों में सबसे ज्यादा मौतें भारत में ही होती हैं। वजह चाहे जो हो। अगर कोई व्यक्ति बिना हेल्मेट पहने गाड़ी चला रहा होता है तो 99.9 प्रतिशत मामलों में पुलिस कुछ भी नहीं करती है लेकिन अगर किसी ने मास्क नहीं पहना है या कोई मॉर्निंग या इवनिंग वॉक पर निकला हो तो आप उन्हें डंडे मारते हैं। उन्हें अपमानित करने के लिए सड़क पर उठक-बैठक लगवाते हैं। आपने उनके हाथ में बोर्ड लगा दिया कि मैं देशद्रोही हूं, मैं गधा हूं। मैंने खुद देखा कि सड़क पर निकले कुछ बुजुर्गों को डंडे मारे गए।
On the one hand, the porous lockdown makes sure that the virus will still exist. So, you have not solved that problem, but you have decimated the economy, you flattened the wrong curve. It is not the infection curve, it is the GDP curve: Rajiv Bajaj, MD Bajaj Auto
Quote Tweet https://t.co/FQZb4NLvLU— ANI (@ANI) June 4, 2020
बजाज ने केंद्र के आर्थिक पैकेज पर भी सवाल उठाया। उन्होंने कहा – दुनिया में सरकारों ने कोरोना से निपटने के लिए जितने पैकेज का ऐलान किया, उसका 2 तिहाई सीधे संगठनों और लोगों तक पहुंचा। भारत में सिर्फ 10 प्रतिशत तक ही लोगों तक पहुंचा। आखिर लोगों को डायरेक्ट पैसे क्यों नहीं दिये गये?