New Delhi : उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार के कार्य की अक्सर ही सराहाना करने के साथ अपनी ही पार्टी पर लगातार उंगली उठाने वाली विधायक अदिति सिंह को कांग्रेस ने निलम्बित कर दिया है। कांग्रेस से अदिति सिंह के इस कृत्य को अनुशासनहीनता माना है। इसके बाद कांग्रेस ने विधायक आदिति सिंह को पार्टी से निलंबित कर दिया है। उनके खिलाफ पार्टी विरोधी गतिविधियों के चलते कार्रवाई हुई है। रायबरेली से कांग्रेस की विधायक अदिति सिंह ने प्रवासी कामगारों के लिए बसों के मुद्दे पर भाजपा का पक्ष लेते हुए बुधवार को अपनी पार्टी पर ही निशाना साधा था।
When UP Govt looked into the list of buses provided by Congress, it turned out that many vehicles are autorickshaw, two-wheelers & three-wheelers. Congress is wasting the time of govt officials by providing bogus list & creating political pressure: Rebel Congress MLA Aditi Singh pic.twitter.com/04Uy6x0urS
— ANI UP (@ANINewsUP) May 20, 2020
उन्होंने प्रियंका गांधी की अपरोक्ष आलोचना करते हुए कहा कि कि संकट के समय निम्न स्तर की राजनीति की क्या आवश्यकता थी। कांग्रेस ने इसे गंभीरता से लेते हुए विधायक अदिति सिंह को पार्टी की महिला विंग के महासचिव पद से निलंबित कर दिया है। इसके साथ ही उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई शुरू कर दी है। कांग्रेस का गढ़ रही रायबरेली संसदीय सीट पर भाजपा अदिति सिंह को पोषित कर रही है।
बस राजनीति पर उंगली उठाते हुये अदिति ने 20 मई को ट्वीट कर कहा था – आपदा के वक्त ऐसी निम्न सियासत की क्या जरूरत, एक हजार बसों की सूची भेजी, उसमें भी आधी से ज्यादा बसों का फजीर्वाड़ा, 297 कबाड़ बसें, 98 ऑटो रिक्शा व एम्बुलेंस जैसी गाड़ियां, 68 वाहन बिना कागजात के, ये कैसा क्रूर मजाक है, अगर बसें थीं तो राजस्थान,पंजाब, महाराष्ट्र में क्यों नहीं लगाई।
आपदा के वक्त ऐसी निम्न सियासत की क्या जरूरत,एक हजार बसों की सूची भेजी, उसमें भी आधी से ज्यादा बसों का फर्जीवाड़ा, 297 कबाड़ बसें, 98 आटो रिक्शा व एबुंलेंस जैसी गाड़ियां, 68 वाहन बिना कागजात के, ये कैसा क्रूर मजाक है, अगर बसें थीं तो राजस्थान,पंजाब, महाराष्ट्र में क्यूं नहीं लगाई।
— Aditi Singh (@AditiSinghINC) May 20, 2020
ऐसा पहली बार नहीं है जब अदिति सिंह ने पार्टी लाइन से अलग राह पकड़ी हो। उनके पिछले बयान ये इशारा करते हैं कि वह कांग्रेस के भीतर बीजेपी की ‘दोस्त’ हैं। कई बार खुलकर बीजेपी सरकार की तारीफ कर चुकी हैं और पार्टी को शर्मिंदा किया है। एक और ट्वीट में अदिति ने लिखा – कोटा में जब यूपी के हजारों बच्चे फंसे थे तब कहां थीं ये तथाकथित बसें, तब कांग्रेस सरकार इन बच्चों को घर तक तो छोड़िए,बार्डर तक ना छोड़ पाई, तब योगी आदित्यनाथ ने रातों रात बसें लगाकर इन बच्चों को घर पहुंचाया, खुद राजस्थान के सीएम ने भी इसकी तारीफ की थी।
पिछले साल अदिति सिंह ने पार्टी व्हिप के खिलाफ जाकर दो अक्टूबर को हुए 36 घंटे के विशेष विधानसभा सत्र में हिस्सा लिया था। उन्होंने पार्टी लाइन के खिलाफ जाकर बयान भी दिए थे। जिस दिन राज्य सरकार ने विशेष सत्र बुलाया था, उस दिन कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने लखनऊ में शांति यात्रा का नेतृत्व किया था। उससे अदिति नदारद रहीं। तब कांग्रेस की ओर से उन्हें पहला नोटिस भेजा गया था, जिसका उन्होंने जवाब नहीं दिया। इसके बाद कांग्रेस ने सिंह की सदस्यता समाप्त करने के लिए विधानसभा अध्यक्ष को याचिका दी थी।
कोटा में जब UP के हजारों बच्चे फंसे थे तब कहां थीं ये तथाकथित बसें, तब कांग्रेस सरकार इन बच्चों को घर तक तो छोड़िए,बार्डर तक ना छोड़ पाई,तब श्री @myogiadityanath जी ने रातों रात बसें लगाकर इन बच्चों को घर पहुंचाया, खुद राजस्थान के सीएम ने भी इसकी तारीफ की थी।
— Aditi Singh (@AditiSinghINC) May 20, 2020
विशेष विधानसभा सत्र में भाग लेने के तुरंत बाद, यूपी सरकार ने उनकी सुरक्षा बढ़ा दी थी। इसके बाद अदिति सिंह ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से भी मुलाकात की, जिससे कांग्रेस के भीतर हडकंप मच गया था। ऐसी चर्चा जोरों पर थीं कि वे बीजेपी जॉइन कर सकती हैं मगर ऐसा हुआ नहीं।
अदिति सिंह पिछले साल 22 से 24 अक्टूबर के बीच रायबरेली में आयोजित पार्टी के प्रशिक्षण सत्र से गायब थीं। विधानमण्डल में कांग्रेस के तत्कालीन नेता अजय कुमार लल्लू ने कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था, लेकिन उन्होंने इसका जवाब नहीं दिया।