New Delhi : अयोध्या में श्रीराम मंदिर भूमि पूजन को लेकर चहुंओर उल्लास का माहौल है। इस बीच कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने आज श्रीराम मंदिर भूमि पूजन को लेकर अपना वक्तव्य जारी किया है। उन्होंने ट्वीट किया- सरलता, साहस, संयम, त्याग, वचनवद्धता, दीनबंधु राम नाम का सार है। राम सबमें हैं, राम सबके साथ हैं। भगवान राम और माता सीता के संदेश और उनकी कृपा के साथ रामलला के मंदिर के भूमिपूजन का कार्यक्रम राष्ट्रीय एकता, बंधुत्व और सांस्कृतिक समागम का अवसर बने।
सरलता, साहस, संयम, त्याग, वचनवद्धता, दीनबंधु राम नाम का सार है। राम सबमें हैं, राम सबके साथ हैं।
भगवान राम और माता सीता के संदेश और उनकी कृपा के साथ रामलला के मंदिर के भूमिपूजन का कार्यक्रम राष्ट्रीय एकता, बंधुत्व और सांस्कृतिक समागम का अवसर बने।
मेरा वक्तव्य pic.twitter.com/ZDT1U6gBnb
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) August 4, 2020
प्रियंका ने अपने वक्तव्य में कहा है- दुनिया और भारतीय उप महाद्वीप की संस्कृति में रामायण की गहरी और अमिट छाप है। भगवान राम, माता सीता और रामायण की गाथा हजारों वर्षों से हमारी सांस्कृतिक और धार्मिक स्मृतियों में प्रकाशपुंज की तरह आलोकित है। भारतीय मनीषा रामायण के प्रसंगों से धर्मनीति, कर्तव्य परायणता, त्याग, उद्दादता, प्रेम पराक्रम और सेवा की प्रेरणा पाती रही है।
उन्होंने लिखा है- उत्तर से दक्षिण, पूरब से पश्चिम तक रामकथा अनेक रूपों में स्वयं को अभिव्यक्त करती चली आ रही है। श्री हरि के अनगिनत रूपों की तरह ही रामकथा हरिकथा अनंता है। युग युगान्तर से भगवान राम का चरित्र भारतीय भूभाग में मानवता को जोड़ने का सूत्र रहा है। भगवान राम आश्रय हैं और त्याग भी। राम सबरी के हैं। सुग्रीव के भी। राम बाल्मिकी के हैं और भास के भी। राम कंबन के हैं और एषुतक्षण के भी। राम कबीर के हैं, तुलसीदास के हैं, रैदास के हैं। सबके दाता राम हैं। गांधी के रघुपति राजा राम सबको सम्मति देनेवाले हैं।
उन्होंने कहा है- राष्ट्रकवि मैथिलीशरण गुप्त राम को निर्बल का बल कहते हैं तो महाप्राण निराला वह एक और मन रहा राम का जो न थका की कालजयी पंक्तियों से भगवान राम को शक्ति की मौलिक कल्पना कहते हैं। राम साहस हैं, संगम हैं, संयम हैं, सहयोगी हैं, राम सबके हैं। भगवान राम सबका कल्याण चाहते हैं। इसलिये वे मर्यादा पुरुषोत्तम हैं।
उन्होंने उम्मीद जताई है कि पांच अगस्त का भूमि पूजन का कार्यक्रम राष्ट्रीय एकता, बंधुत्व और सांस्कृति समागम का कार्यक्रम बने। इधर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पांच अगस्त को श्रीराम जन्मभूमि मंदिर का भूमि पूजन करने के साथ ही अयोध्या में करीब तीन घंटा व्यतीत करेंगे। इस दौरान वह श्रीराम जन्मभूमि प्रांगण में पारिजात का पौधा लगाएंगे जबकि बाबरी मस्जिद के पक्षकार रहे इकबाल अंसारी पीएम मोदी को रामनामी के साथ ही रामचरितमानस की एक प्रति भी भेंट करेंगे।
Ram Mandir Bhumi Pujan ceremony. The foundation stone for the Ram Temple in Ayodhya will be laid at 12:40 PM.
Here's PM @NarendraModi's itinerary for Aug 5. | #RamBhumiPujan pic.twitter.com/dKORPvuBlu
— TIMES NOW (@TimesNow) August 4, 2020
वनाधिकारी मनोज कुमार खरे ने बताया – परिसर में पौधारोपण स्थल का चयन कर लिया गया है। पारिजात का पौधा विराजमान रामलला से चंद कदमों की दूरी पर ही रोपित होगा। पारिजात का वृक्ष प्रदेश के बाराबंकी जिले के किंतूर गांव में स्थित है, जो महाभारतकालीन बताया जाता है।