बंगाल में अधजली लाशों को घसीटने के वीडियो पर पॉलिटकल उठापटक, गवर्नर बोले- बेशर्मी की हद है

New Delhi : पश्चिम बंगाल में एक श्मशान घाट पर कुछ शवों को जलाने के दौरान इलाके में बदबू फैल गई। स्थानीय लोगों ने शवों को जलाने का विरोध किया तो नगर निगम के कर्मचारियों ने अधजली लाशें घसीटते हुये गाड़ी में भरीं। इस अमानीय घटना का वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हो गया। लोगों ने इस शवों को कोरोना मरीजों के होने की बात कही है। हालांकि प्रशासन ने इससे इनकार किया है। प्रशासन का कहना है – शव कोरोना मरीजों के नहीं, बल्कि लावारिस थे।

भारतीय जनता पार्टी के महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने श्मशान से लाशों को घसीटकर ले जाने वाला वीडिया ट्वीट किया और ममता बनर्जी को निशाने पर लिया। उन्होंने लिखा- ये अमानवीयता की हद है। किसी की मृत देह को ममताजी आपके राज में जिस तरह घसीटकर गाड़ी में पटका जा रहा है, वो असहनीय है। क्या सरकार इस बात की जवाबदेह नहीं है कि ये कृत्य क्यों किया गया। जनता में भय के साथ पश्चिम बंगाल सरकार के प्रति गुस्सा भी है।
अधजली लाशों को खींचकर गाड़ी में भरने के कई वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हुये हैं। कुछ वीडियो में लोग विरोध करते नजर आ रहे हैं। लोगों ने बताया – उनके घरों में अजीब से बदबू आने लगी। सभी लोग घर के बाहर निकल आये। उन लोगों ने पाया कि बदबू पास के श्मशानघाट से आ रही थी।

पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने वीडियो पर चिंता जाहिर की और राज्य के गृह सचिव से घटना के संबंध में एक रिपोर्ट मांगी। राज्यपाल ने कहा – मुद्दा यह नहीं है कि शव कोविड-19 मरीज के थे या नहीं। विषय यह है कि मानव शरीर को इतनी बेशर्मी से क्या ऐसे घसीटा जा सकता है! वीडियो देखकर ही पता चलता है कि शवों के साथ पशुओं से भी बदतर व्यवहार किया जा रहा है। जो लोग इस मामले को डायवर्ट कर रहे हैं। वह अपनी आत्मा और विवेक से सोचें और कल्पना करें कि शव अगर उनसे संबंधित होते तो!

 

पश्चिम बंगाल के स्वास्थ्य विभाग और कोलकाता की पुलिस ने वीडियो को फर्जी बताया है। कहा – वे लाशें एक अस्पताल के मुर्दाघर के लवारिस शव थे। कोरोना मरीजों के शव नहीं थे। विपक्षी एमसीपी और भाजपा ने भी ममता सरकार पर हमला बोला है। बीजेपी ने आरोप लगाया है – वीडियो इस बात का सबूत है कि टीएमसी सरकार कोविड-19 से होने वाली मौतों की सटीक संख्या को छुपा रही है।

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