New Delhi : पूर्व केंद्रीय मंत्री और अब भाजपा नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया ने ट्विटर हैंडल पर अपना बायो बदल लिया है। उन्होंने अपने ट्विटर अकाउंट से भाजपा हटा दिया है। इसके स्थान पर उन्होंने जनता का सेवक और क्रिकेट प्रेमी लिखा है। इसके बाद चर्चाएं तेज हो गई हैं। कुछ लोगों का कहना है कि सिंधिया ने अपने प्रोफाइल में भाजपा जोड़ा ही नहीं था। हालांकि इसपर भाजपा या सिंधिया की तरफ से उस दिन तो कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है। लेकिन 6 जून को ज्योतिरादित्य ने सांकेतिक ट्वीट जरूर किया। इसमें कहा- दुखद है कि फॉल्स न्यूज ज्यादा तेजी से फैलती है। इससे पहले जब उन्होंने कांग्रेस छोड़ने का मन बनाया था तो अपने ट्विटर प्रोफाइल से कांग्रेस का नाम हटा दिया था।
Sadly, false news travels faster than the truth.
— Jyotiraditya M. Scindia (@JM_Scindia) June 6, 2020
18 साल तक कांग्रेस के साथ रहने के बाद सिंधिया ने 10 मार्च भाजपा का दामन थामा था। पार्टी में उनके आने के बाद समर्थकों को शिवराज मंत्रिमंडल में शामिल करने और उन्हें केंद्र में कैबिनेट मंत्री बनाये जाने की चर्चा थी। लेकिन अब खबरें आ रही हैं कि उनके समर्थक पूर्व विधायकों को उपचुनाव का टिकट देने में भाजपा आनाकानी कर रही है। इसलिए सिंधिया ने ये कदम उठाया है।
शिवराज कैबिनेट के विस्तार को लेकर कई बार संभावित तारीखों का अनौपचारिक ऐलान कर दिया गया। प्रदेश संगठन के साथ मुख्यमंत्री ने संभावित मंत्रियों की लिस्ट तैयार की, वह भी मीडिया में लीक हो गई, लेकिन कैबिनेट विस्तार नहीं हो पाया। सिंधिया को मोदी कैबिनेट में शामिल करने की अब चर्चा कम है, लेकिन भाजपा में उनकी एंट्री के समय ग्वालियर-चंबल संभाग में उनके समर्थकों ने इसे जोर-शोर से प्रचारित किया था।
भाजपा ने उपचुनाव में सिंधिया-समर्थक सभी 22 विधायकों को टिकट देने का वादा किया – लेकिन इसमें भी दिक्कतें आ रही हैं। कई सीटों पर पार्टी को अपने पुराने नेताओं के विद्रोह का सामना करना पड़ रहा है। हाटपिपल्या में दीपक जोशी हों या ग्वालियर पूर्व में कांग्रेस में शामिल हो चुके बालेंदु शुक्ल, पार्टी के लिए अपने नेताओं को मनाना मुश्किल साबित हो रहा है। कुछ विधानसभा सीटों पर सिंधिया समर्थक पूर्व विधायक की जीत पर संदेह की बातें भी हैं।
नवंबर 2019 के आखिरी हफ्ते में सिंधिया ने ट्विटर अकाउंट से अपना ‘कांग्रेसी परिचय’ हटा दिया था। अपने नए बायो में उन्होंने खुद को सिर्फ जनसेवक और क्रिकेट प्रेमी लिखा। उन्होंने कहा, ‘मैंने अपने बायो में करीब एक महीने पहले परिवर्तन किया था। लोगों की सलाह पर मैंने उसे छोटा कर लिया था। अब इसको लेकर जो अफवाहें उठ रही हैं, वह पूरी तरह निराधार हैं।’ ज्योतिरादित्य सिंधिया ने इससे पहले अपने ट्विटर प्रोफाइल पर अपना पद- कांग्रेस महासचिव, गुना लोकसभा सीट से सांसद (2002-2019 तक) और पूर्व केंद्रीय मंत्री लिखा था। अब उन्होंने इसे हटाकर खुद को समाज सेवक और क्रिक्रेट प्रेमी लिखा है। सिंधिया ने मार्च 2020 में कांग्रेस छोड़ भाजपा में शामिल हो गये थे।