New Delhi : सरकार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की उन टिप्पणियों पर स्पष्टीकरण जारी किया कि कोई भी भारतीय क्षेत्र में नहीं घुसा और न ही किसी भारतीय चौकी पर कब्जा किया गया। शनिवार को प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) की ओर से जारी बयान में साफ किया गया है – चीन ने प्रयास तो किया लेकिन सैनिकों ने बलिदान देकर ढांचागत निर्माण और अतिक्रमण की कोशिशों को नाकाम कर दिया। पीएम मोदी के बयान के बाद राहुल गांधी सहित विपक्ष के कई नेताओं ने सवाल उठाया था कि यदि चीन ने घुसपैठ नहीं किया तो बातचीत क्यों हो रही है, 15 की घटना हुई कैसे?
It was made clear (in yesterday’s all-party meeting) that this Government will not allow any unilateral change of the Line of Actual Control (LAC): Government of India Statement https://t.co/lSHi9L59je pic.twitter.com/wUtZ29oZhH
— ANI (@ANI) June 20, 2020
पीएमओ की ओर से जारी बयान में यह भी कहा गया है – सर्वदलीय बैठक में यह स्पष्ट कर दिया गया था कि सरकार लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (एलएसी) में कोई एकतरफा बदलाव नहीं होने देगी। प्रधानमंत्री का स्पष्ट रुख है कि वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) को पार करने की किसी भी कोशिश का मजबूती से जवाब दिया जायेगा।
बयान में कहा गया- यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि ऐसे समय में प्रधानमंत्री की टिप्पणियों पर अनावश्यक विवाद पैदा किया जा रहा है जब वीर सैनिक हमारी सीमाओं की रक्षा कर रहे हैं। सर्वदलीय बैठक में प्रधानमंत्री की टिप्पणियां गलवान में 15 जून को हुई घटनाओं पर केंद्रित थी जिसमें 20 सैनिकों को जान गंवानी पड़ी।
PM has surrendered Indian territory to Chinese aggression.
If the land was Chinese:
1. Why were our soldiers killed?
2. Where were they killed? pic.twitter.com/vZFVqtu3fD— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) June 20, 2020
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर कड़ा हमला करते हुये शनिवार को कहा – चीनी घुसपैठ पर सर्वदलीय बैठक में दिया गया मोदी का बयान साबित करता है कि चीनी आक्रमकता के सामने उन्होंने समर्पण कर दिया है। उन्होंने सवाल किये – यदि भूमि चीनी थी तो घटना कहां की है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने लद्दाख में चीन के साथ गतिरोध पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बयान को लेकर शनिवार को सवाल किया – क्या प्रधानमंत्री ने चीन को क्लीन चिट दे दी है?