New Delhi : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बाबा केदारनाथ के परमभक्त हैं। पिछले कुछ सालों से वे लगातार केदारनाथ धाम के विकास के लिये प्रयास कर रहे हैं। इन प्रयासों का उद्देश्य है केदारनाथ को सर्वसुविधा संपन्न करना। वे जब केदारनाथ गये थे तो वहां पर गुफा में भी रहे थे। और केदारनाथ के चप्पे चप्पे से अवगत हुये थे। अब इसी क्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को उत्तराखंड स्थित केदारनाथ धाम में चल रहे विकास कार्यों की समीक्षा की और कुछ सुझाव देते हुए उम्मीद जताई कि तीर्थ स्थल के अलौकिक स्वरूप में और भी वृद्धि होगी।
पवित्र सावन मास में आज केदारनाथ धाम में हो रहे विकास कार्यों और धाम की दिव्यता को और बढ़ाने के लिए चल रहे प्रयासों की समीक्षा करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ। pic.twitter.com/mrGyz2LEHw
— Narendra Modi (@narendramodi) July 15, 2020
मोदी ने ट्वीट कर कहा- पवित्र सावन मास में आज केदारनाथ धाम में हो रहे विकास कार्यों और धाम की दिव्यता को और बढ़ाने के लिये चल रहे प्रयासों की समीक्षा करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ। उन्होंने कहा – बाबा केदार के दर्शन मात्र से करोड़ों श्रद्धालुओं को अपूर्व ऊर्जा मिलती है।
प्रधानमंत्री ने सुझाव दिये – यात्रियों को गौरीकुंड-केदारनाथ मार्ग पर सभी प्रकार की सुविधाएं मिलें और तकनीक के इस्तेमाल से तीर्थ के ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्त्व को दिखाया जाये। उन्होंने कहा- ऐसी व्यवस्थाएं विकसित हों, इनको लेकर भी विस्तृत समीक्षा की गई।
केदारनाथ मंदिर और जगद्गुरु आदि शंकराचार्य के समाधि स्थल की दिव्यता बढ़ाने पर बल देते हुए प्रधानमंत्री ने स्वच्छता को केंद्र में रखकर और व्यापक विकास किये जाने पर चर्चा की। उन्होंने कहा- मुझे विश्वास है कि बाबा के आशीर्वाद से केदारनाथ धाम के अलौकिक स्वरूप में और भी वृद्धि होगी।
केदारनाथ मंदिर और जगद्गुरु आदि शंकराचार्य जी के समाधि स्थल की दिव्यता बढ़े, स्वच्छता को केंद्र में रखकर और व्यापक विकास हो, इन पर भी बात हुई। मुझे विश्वास है कि बाबा के आशीर्वाद से केदारनाथ धाम के अलौकिक स्वरूप में और भी वृद्धि होगी।
— Narendra Modi (@narendramodi) July 15, 2020
प्रधानमंत्री ने पिछले महीने भी केदारनाथ धाम विकास और पुनर्निर्माण परियोजना की वीडियो कॅान्फ्रेंसिंग के जरिये उत्तराखंड सरकार के साथ समीक्षा की थी। उन्होंने वीडियो कान्फ्रेन्सिंग के दौरान ड्रोन के जरिये केदारनाथ के दर्शन किये थे। उन्होंने केदारनाथ को समृद्ध बनाने का कोई प्रयास छोड़ा नहीं है।