PM मोदी की खुराक काम आई-गलवान से 21 दिन बाद चीनी सेना 2 किमी पीछे हटी, स्थाई ढांचे तोड़े

New Delhi : जमीन हड़पने की कोशिश में जुटा ड्रैगन, भारत से मिले ठोस जवाब और दबाव की वजह से कदम पीछे खींचने को मजबूर हो गया है। चीनी सैनिक पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में 15 जून वाली जगह से 2 किलोमीटर पीछे हट गये हैं। न्यूज एजेंसी ने सूत्रों के हवाले से यह जानकारी दी है। 30 जून को दोनों देशों के आर्मी अफसरों के बीच मीटिंग में विवाद वाले इलाकों से सैनिक पीछे हटाने पर सहमति बनी थी। हालांकि, गलवान के गहराई वाले इलाकों में चीन की बख्तरबंद गाड़ियां अब भी मौजूद हैं। भारतीय सेना हालात पर नजर रख रही है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले शुक्रवार को अचानक लद्दाख में फॉरवर्ड लोकेशन पर पहुंचकर सैनिकों से मुलाकात की थी। उन्होंने जवानों से कहा – आपने जो वीरता दिखाई उससे दुनिया ने भारत की ताकत देखी। वर्तमान में लद्दाख में भारत ने 30 हजार अतिरिक्त जवान तैनात किये हैं। उन्हें ठंड से बचाने को स्पेशल टेंट्स के इमरजेंसी ऑर्डर दिये जायेंगे।
सेना के सीनियर अफसरों का मानना है – चीन से तनाव लंबा चल सकता है, इसलिए स्पेशल टेंट्स की जरूरत पड़ेगी। न्यूज एजेंसी ने सूत्रों के हवाले से बताया – चीन ने भी अपने सैनिकों को खास तरह के टेंट्स में शिफ्ट करना शुरू कर दिया है। वैसे भारतीय सेना अपनी बेहतरीन अल्ट्रा लाइट हॉवित्जर तोप (एम-777) के लिए ज्यादा गोले खरीदेगी। यह तोप इतनी हल्की है कि जरूरत पड़ने पर इसे एक से दूसरी जगह आसानी से शिफ्ट किया जा सकता है।
15 जून की घटना के बाद चाइनीज पीपल्स लिब्रेशन आर्मी (पीएलए) के सैनिक उस स्थान से इधर आ गए थे जो भारत के मुताबिक एलएसी है। भारत ने भी अपनी मौजूदगी को उसी अनुपात में बढ़ाते हुए बंकर और अस्थायी ढांजे तैयार कर लिए थे। दोनों सेनाएं आंखों में आंखें डाले खड़ी थीं।
कमांडर स्तर की बातचीत में 30 जून को बनी सहमति के मुताबिक चीनी सैनिक पीछे हटे या नहीं, इसको लेकर रविवार को एक सर्वे किया गया। अधिकारी ने बताया- चीनी सैनिक दो किमी पीछे हट गये हैं। अस्थायी ढांचे दोनों पक्ष हटा रहे हैं। बदलाव को जांचने के लिये फिजिकल वेरीफिकेशन भी किया गया है।

15 जून की घटना के बाद से भारत ने 3,488 किलोमीटर वास्तविक नियंत्रण रेखा पर अपने विशेष बलों को तैनात किया है, जो कि चीनी पीपुल्स लिबरेशन आर्मी के पश्चिमी, मध्य या पूर्वी सेक्टरों में किसी भी प्रकार के से जूझ सकते हैं। शीर्ष सरकारी सूत्रों ने पुष्टि की है कि भारतीय सेना को पीएलए द्वारा सीमा पार से किसी भी हरकत का आक्रामकता से एलएसी पर जवाब देने का निर्देश दिया है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *