New Delhi : मई के शुरुआती सप्ताह से ही एलएसी पर चीनी सैनिकों की गतिविधियों को लेकर तनाव का माहौल था। अब एएनआइ के सूत्रों के अनुसार चीनी गतिविधियों के शुरू होने के एक दिन बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनके वरिष्ठ कैबिनेट सहयोगी जिनमें रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और भारतीय सेना के अधिकारी शामिल थे, ने पल-पल की जानकारी हासिल की। सेना ने प्रधानमंत्री और उनके कैबिनेट सहयोगियों को गलवन घाटी में पैट्रोलिंग पॉइंट 14 के पास एलएसी पर चीनी सेना की गतिविधियों और अन्य बिंदुओं पर जानकारी दी थी।
Army briefed PM Modi, cabinet members on LAC situation a day after Chinese buildup started near Ladakh
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— ANI Digital (@ani_digital) June 9, 2020
India's strategic and policymaking circles are in the hands of a small group who hold ingrained negative views toward China. With China's rise and the increasing strength gap between Beijing and New Delhi, India's anxieties toward China have also increased https://t.co/2iP59WvqqF pic.twitter.com/f3BjVRah2d
— Global Times (@globaltimesnews) June 7, 2020
सूत्रों के अनुसार सेना 14 कोर मुख्यालय स्तर पर चीनी गतिविधियों की निगरानी कर रही थी और उस दिन से ही अपने आक्रामक हमले का मुकाबला करने के लिए खुद को तैयार करना शुरू कर दिया था। सूत्रों ने उन सुझावों को खारिज कर दिया है जिनमें कहा गया था कि तैयारियों में कमी है। जिसके कारण चीन ने लद्दाख में एलएसी के साथ निर्माण करने की अनुमति दी है, अगर सैनिकों को तैयार और तैनात नहीं किया गया होता तो चीनी दूसरे क्षेत्रों में जाने में सक्षम होते।
Military officers and diplomats from both #China and #India agree not to escalate border dispute to conflict in a positive signal sent by recent talks. https://t.co/5yOjS8yLz0 pic.twitter.com/zxzRDkRJm9
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पूर्वी लद्दाख में कई जगहों पर भारत और चीन के बीच तनातनी खत्म हुई है। चीन की पीपल्स लिबरेशन आर्मी ने गलवान, पट्रोलिंग पॉइंट 15 और हॉट स्प्रिंग इलाके से अपने जवान और लड़ाकू वाहन 2.5 किमी तक पीछे हटाए हैं। भारत ने भी अपने कुछ जवानों को पीछे हटाया हैं।
दोनों पक्षों के सैनिकों ने पिछले 8 जून को आयोजित लेफ्टिनेंट जनरल-स्तरीय वार्ता के बाद पैट्रोलिंग पॉइंट 14 (गलवन घाटी), पीपी 15 (114 ब्रिगेड क्षेत्र) और पीपी 17 (हॉट स्प्रिंग्स) के साथ अपने स्टैंड-ऑफ स्थानों से विस्थापन किया है। चुशुल में पहले से ही उन क्षेत्रों में स्थानीय स्तर पर तौर तरीकों पर चर्चा करने के लिए जहां पहले विवाद शुरू हुआ था।
#Opinion: It is too early to say whether or not #Australia and #India will coordinate their strategies to confront China. https://t.co/nMfsYx5HOV pic.twitter.com/yhi14na4te
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भारत और चीन के सैनिक मई के पहले सप्ताह से ही तनाव में हैं और कई स्तरों पर बातचीत कर चुके हैं। वहीं, अब बटालियन कमांडर के स्तर से लेकर मेजर जनरल तक दोनों देशों के मेजर जनरल-रैंक के अधिकारियों की एक बैठक 10 जून को भी आयोजित होने की उम्मीद है। फिंगर 4 से, पीपी-14 से, पीपी 15, पीपी- 17 अब ब्रिगेडियर और मेजर जनरल लेवल पर बात होगी। फिर इन पॉइंट्स पर बात होगी। दोनों तरफ से उम्मीद है कि पीपी-14, पीपी-15 और पीपी-17 से सैनिक हटाने की बात मेजर जनरल लेवल पर सुलझ जाएगी। फिंगर- 4 की स्थिति को लेकर फिर से कोर कमांडर लेवल पर बात हो सकती है।