New Delhi : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कैबिनेट की बैठक में किसानों को लेकर हुये फैसलों की तारीफ करते हुये कहा है – इन फैसलों से किसानों की आमदनी बढ़ेगी और कृषि क्षेत्र में आमूलचूल परिवर्तन आयेगा। अब ‘एक देश-एक कृषि बाजार’ का सपना साकार होगा। आज की कैबिनेट मीटिंग में कई बड़े और महत्वपूर्ण निर्णय किये गये। फसलों की खरीद-बिक्री को लेकर सभी बंदिशों को हटा दिया गया है, जिससे किसानों की दशकों पुरानी मांग पूरी हुई है। अब अन्नदाता देश में कहीं भी अपनी उपज को बेचने के लिए स्वतंत्र होगा।
आज की कैबिनेट मीटिंग में कई बड़े और महत्वपूर्ण निर्णय किए गए। फसलों की खरीद-बिक्री को लेकर सभी बंदिशों को हटा दिया गया है, जिससे किसानों की दशकों पुरानी मांग पूरी हुई है। अब अन्नदाता देश में कहीं भी अपनी उपज को बेचने के लिए स्वतंत्र होगा। https://t.co/GnSf0kwqpo
— Narendra Modi (@narendramodi) June 3, 2020
पीएम मोदी ने कहा- सरकार के फैसलों से किसानों को उत्पादन से पहले ही मूल्य आश्वासन की भी गारंटी उपलब्ध होगी। कृषि सेवाओं के कॉन्ट्रैक्ट से न केवल किसानों को अत्याधुनिक जानकारी मिलेगी, बल्कि उन्हें तकनीक और पूंजी की सहायता भी मिलेगी। इसके जरिये अन्नदाताओं का सशक्तिकरण और संरक्षण भी संभव होगा। पीएम मोदी ने कैबिनेट की बैठक के बाद कई ट्वीट के जरिए इन फैसलों से होने वाले लाभ का जिक्र किया। पीएम मोदी ने कहा – सरकार के इन निर्णयों से न केवल अन्नदाताओं की आय बढ़ेगी, बल्कि आवश्यक वस्तु अधिनियम में संशोधन से कृषि क्षेत्र में भी आमूलचूल परिवर्तन आयेगा। कृषि उत्पादों की खरीद-बिक्री की बाधाएं दूर होने से एक भारत-एक कृषि बाजार का सपना साकार होगा।
कैबिनेट के फैसलों के मुताबिक किसानों को अपनी फसल अपने हिसाब से बेचने की आजादी मिलेगी। अध्यादेश लागू होने के बाद किसान जहां चाहेगा और जिसे चाहेगा अपनी फसल बेच सकेगा। ई-ट्रेडिंग के जरिए खरीद-बिक्री हो सकेगी। किसानों को फसल की अच्छी कीमत मिल पाएगी। एक देश, एक बाजार की दिशा में इसे बड़ा कदम बताया जा रहा है।
Farmers (Empowerment and Protection) Agreement on Price Assurance and Farm Services Ordinance, 2020 approved by the Cabinet will ensure our farmers get greater freedom to engage with processors, wholesalers, large retailers, exporters while also protecting farmers’ interests.
— Narendra Modi (@narendramodi) June 3, 2020
किसान और ट्रेडर एग्रीमेंट कर सकेंगे। इसमें मिनिमम प्राइस पहले ही तय होगा। ऐसे में किसानों को नुकसान होने का खतरा नहीं रहेगा। अगर फसल आने पर भाव ज्यादा होता है तो व्यापारी को होने वाले फायदे में से किसान को भी हिस्सा मिलेगा। इसके नियम केंद्र सरकार तय करेगी। किसी तरह का विवाद होने पर मामला कोर्ट में नहीं जाएगा, बल्कि प्रशासन के स्तर पर ही निपटारा हो जायेगा।
अनाज, तेल, तिलहन, दाल, आलू और प्याज को इस एक्ट के दायरे से बाहर किया गया है। इन पर अब स्टॉक लिमिट लागू नहीं होगी। किसान जितना चाहे एक्सपोर्ट कर सकता है, जितना चाहे स्टोर कर सकता है। सिर्फ आपदा, युद्ध या बहुत ज्यादा महंगाई होने की स्थिति में ही स्टोरेज से जुड़े प्रतिबंध लागू होंगे।
देश में निवेश बढ़ाने के लिए एम्पावर्ड ग्रुप ऑफ सेक्रेटरीज और प्रोजेक्ट डेवलपमेंट सेल्स बनाने की मंजूरी। ये इस बात का ध्यान रखेंगे कि निवेशकों को सरकारी विभागों और मंत्रालयों से समय पर क्लीयरेंस मिल जाए। साथ ही देश में निवेश बढ़ाने की योजनाएं बनाएंगे और विदेशी निवेशकों की मदद करेंगे। कैबिनेट ने कोलकाता पोर्ट का नाम श्यामा प्रसाद मुखर्जी के नाम पर करने की मंजूरी दे दी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 11 जनवरी को इसकी घोषणा की थी।
सरकार के इन निर्णयों से न केवल अन्नदाताओं की आय बढ़ेगी, बल्कि आवश्यक वस्तु अधिनियम में संशोधन से कृषि क्षेत्र में भी आमूलचूल परिवर्तन आएगा। कृषि उत्पादों की खरीद-बिक्री की बाधाएं दूर होने से One India, One Agriculture Market का सपना साकार होगा।
— Narendra Modi (@narendramodi) June 3, 2020
आयुष मंत्रालय के अधीन फार्माकॉपिया कमीशन फॉर इंडियन मेडिसिन एंड होम्योपैथी बनाया जाएगा। गाजियाबाद में आयुष मंत्रालय के दो लैब्स हैं। इन दोनों लैब्स का भी इसके साथ मर्जर हो रहा है। गौरतलब है कि केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को साढ़े छह दशक पुराने आवश्यक वस्तु अधिनियम में संशोधन को मंजूरी दे दी ताकि अनाज, दलहन और प्याज सहित खाद्य वस्तुओं को नियमन के दायरे से बाहर किया जा सके।