New Delhi : इस समय दुनिया कोरोना वायरस महामारी से लड़ रही है। ऐसे समय पर अग्रिम पंक्ति में खड़े कोरोना योद्धाओं का दुनिया सम्मान कर रही है। इसके तहत आज बुद्ध पूर्णिमा के अवसर पर वर्चुअल कार्यक्रम का आयोजन हुआ। जिसमें दुनिया के कई बड़े नेता शामिल हुए। इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश को संबोधित किया। जिसमें प्रधानमंत्री ने कहा कि मानवता की सेवा करने वाले नमन के पात्र हैं।
Today, India is standing firmly in support of everyone, without any discrimination, who are in need or who are in trouble, in the country or across the globe: PM Narendra Modi. #COVID19 pic.twitter.com/KRB3c00JSA
— ANI (@ANI) May 7, 2020
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि इस बार परिस्थितियां अलग हैं। दुनिया मुश्किल समय से गुजर रही है।
आपके बीच आना मेरा सौभाग्य होता लेकिन मौजूदा स्थिति इसकी इजाजत नहीं देती है। बुद्ध के कदम पर चलकर भारत आज दुनिया की मदद कर रहा है। फिर चाहे वो देश में हो या फिर विदेश में, इस दौरान लाभ-हानि को नहीं देखा जा रहा है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत बिना किसी स्वार्थ के दुनिया के साथ खड़ा है। हमें अपने, अपने परिवार के साथ ही दूसरों की भी सुरक्षा करनी होगी। संकट के समय हर किसी की मदद करना ही सबका धर्म है। हमारा काम निरंतर सेवा भाव होना चाहिए। दूसरों के लिए करुणा-सेवा का भाव रखना जरूरी है। समाज बदला, बुद्ध का संदेश नहीं।
संबोधन में प्रधानमंत्री मे कहा कि बुद्ध किसी एक परिस्थिति तक सीमित नहीं हैं। वह हर किसी को मानवता की मदद करने का संदेश देते हैं। आज बेशक समाज की व्यवस्था बदल चुकी है लेकिन बुद्ध का संदेश आज भी वही है। हम सभी के जीवन में उसका विशेष स्थान रहा है।
Buddha is the symbol of both realization and self realization of India. With this self realization India is working in the interest of the humanity and the world, and will continue to do so: Prime Minister Narendra Modi pic.twitter.com/HfW7kyIKcw
— ANI (@ANI) May 7, 2020
प्रधानमंत्री मे कहा कि आज कई लोग ऐसे हैं जो देश के अलग-अलग हिस्सों में, दुनिया में अपनी-अपनी तरह से लोगों की सेवा में जुटे हुए हैं। सड़क पर लोगों से कानून का पालन करवाना हो या बीमार का इलाज करना। हर कोई अपनी तरह से सेवा कर रहा है। मानवता की सेवा में जुटे ऐसे लोग नमन के पात्र हैं। आज दुनिया में उथलपुथल है, ऐसे समय पर बुद्ध की सीख जरूरी है।