New Delhi : PM Narendra Modi ने आज कोरोना वायरस पर फिर से देश को संदेश दिया। पीएम ने अपने विडियो संदेश में लोगों से लॉकडाउन का सख्ती से पालन करने की अपील की है। उन्होंने कोरोना जैसे जानलेवा वायरस से लड़ने के लिए लोगों से घरों में हने की अपील की है।
प्रधानमंत्री ने कहा – देशवासियों नमस्कार। कोरोना के खिलाफ लॉकडाउन को आज नौ दिन हो रहे हैं। आप सभी ने अनुशासन, सेवा का परिचय दिया है। प्रशासन ने भी स्थिति को संभाला है। आपने जिस तरह 22 मार्च को जैसे कोरोना फाइटर्स को धन्यवाद दिया। उसे पूरी दुनिया अपना रही है। हमने दुनिया को भारत की सामूहिक शक्ति का अहसास कराया है।
मोदी ने कहा – आज देश के करोड़ों लोग घरों में हैं तो किसी को भी लग सकता है कि कितने दिन और काटने पड़ेंगे। साथियों ये समय अकेले रहने का जरूर है, लेकिन हममें से कोई अकेला नहीं है। देश की भव्यता की अनुभूती करनी जरूरी है। जनता महाशक्ति है, ये लड़ाई आपके बगैर संभव नहीं है। कोरोना के अंधकार के बीच हमें प्रकाश की ओर जाना है। गरीब भाई-बहनों को कोरोना से पैदा हुई निराशा से आशा की ओर लेकर जाना है। अंधकार मय कोरोना को हराने के लिए प्रकाश फैलाना है।
रविवार 5 अप्रैल को हम सबको मिलकर कोरोना के संकट के अंधकार को चुनौती देनी है। उसे प्रकाश की ताकत का परिचय करना है। इस 5 अप्रैल को हमें 130 करोड़ देशवासियों की महाशक्ति का जागरण करना है। देशवासियों को महासंकल्प को नई ऊंचाइयों पर ले जाना है। रविवार को रात 9 बजे मैं आप सबके 9 मिनट चाहता हूं। घर की सभी लाइटें बंद करके, घर के दरवाजे पर या बालकनी में खड़े रहकर 9 मिनट के लिए मोमबत्ती , दिया टॉर्च या मोबाइल की फ्लैशलाइट जलाएं। उस समय घर की सभी लाइटें बंद करेंगे, चारों तरफ जब हर व्यक्ति एक-एक दिया जलाएगा तब प्रकाश की उस महाशक्ति का अहसास होगा कि हम सब एक ही मकसद से लड़ रहे हैं।
22 मार्च रविवार को दिन कोरोना के खिलाफ लड़ाई लड़ने वाले हर किसी का धन्यवाद किया, वह भी आज कई देशों के लिए मिसाल बन गया है। जनता कर्फ्यू, या थाली बजाने का कार्यक्रम हो। इन्होंने इसकी सामूहिक शक्ति का असहास कराया। इससे पता चला कि देश एक होकर कोरोना के खिलाफ लड़ाई लड़ सकता है।
लॉकडाउन के समय में देश की और आप सभी की ये सामूहिकता नजर आ रही है। आज जब देश करोड़ों लोग घरों में है, तो किसी को लग सकता है कि वो अकेला क्या करेगा। ये सवाल भी मन में आते होंगे कि कितने दिन और रुकना पड़ेगा। हम अपने घरों में जरूर हैं लेकिन हममे से कोई भी अकेला नहीं है। 130 करोड़ देशवासियों की सामूहिक शक्ति हर व्यक्ति के साथ है। समय समय पर देशवासियों की इस सामूहिक शक्ति कि विराटता और इसकी दिव्यता की अनुभूति करना आवश्यक है। देश जब इतनी बड़ी लड़ाई लड़ रहा हो तो बार-बार जनता रूपी विराट शक्ति का साक्षात्कार करते रहना चाहिए। यह हमें मनोबल देता है, लक्ष्य देता है और उसकी प्राप्ति के लिए ऊर्जा भी देता है। हमारा मार्ग और प्रशस्त करता है।
कोरोना महामारी से फैले अंधकार के बीच हमें निरंतर प्रकाश के बीच जाना है। जो गरीब इस कोरोना संकट से सबसे ज्यादा प्रभावित हैं, उन्हें निराशा से आशा की तरफ ले जाना है। इस कोरोना संकट से जो अंधकार और अनिश्चितता पैदा हुई है, उसे समाप्त करके हमें उजाले और निश्चितता की तरफ बढ़ना है।