New Delhi : फ्रांस से आ रहे पांच राफेल फाइटर जेट आज 29 जुलाई को अंबाला में लैंड करेंगे। पहले बैच के तौर पर आ रहे पांच राफेल अंबाला पहुंचेंगे और फिर इंडियन एयरफोर्स ट्रूप में शामिल हो जायेंगे। एयरफोर्स चीफ आरकेएस भदौरिया अंबाला एयरबेस पर दोपहर पांच राफेल विमानों को रिसीव करेंगे। ज्यादा भीड़ न जुट जाये इसलिये अंबाला में धारा 144 लागू है। सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त हैं। लोगों में राफेल को लेकर गजब का उत्साह है।
Haryana: First batch of five Rafale aircraft will arrive in Ambala today to join the India Air Force (IAF) fleet. Visuals from Ambala city.
Sec 144 CrPC imposed in 4 villages closer to Ambala airbase. Gathering of people on roofs & photography during landing strictly prohibited. pic.twitter.com/llbDp6ZC4G
— ANI (@ANI) July 29, 2020
भारतीय राफेल 11 बजे संयुक्त अरब अमीरात के अल दफरा से टेक ऑफ करेंगे। दोपहर दो बजे चक अंबाला पहुंच जायेंगे। इतना ही नहीं, इन राफेल विमानों की लैंडिंग के लिए एक बैक बेस भी तैयार है। अगर अंबाला और उसके आसपास में मौसम अनुकूल नहीं रहता है तो फिर इन राफेल जेट्स की लैंडिंग जोधपुर एयरबेस पर होगी। अंबाला और जोधपुर दोनों ही एयरबेस रणनीतिक और सामरिक रूप से महत्वपूर्ण हैं।
फिलहाल, अंबाला में राफेल फाइटर जेट्स की लैंडिंग को ध्यान में रखते हुए अंबाला एयरबेस के पास के चार गांवों में धारा 144 लागू कर दी गई है। इन इलाकों में फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी भी निषेध कर दी गई है। अंबाला प्रशासन हाई अलर्ट पर है और लैंडिंग के दौरान छतों पर लोगों का जमावड़ा और फोटोग्राफी पूरी तरह से प्रतिबंधित है। प्रशासन ने धूलकोट, बलदेव नगर, गरनाला और पंजोखरा जैसे स्थानों से वायु सेना स्टेशन की तस्वीरों को लेने के लिए प्रतिबंधित कर दिया है।
भारत ने 23 सितंबर 2016 को 36 राफेल लड़ाकू विमान खरीदने के लिए 59,000 करोड़ रुपए का सौदा किया था। इसमें छह राफेल प्रशिक्षु विमान हैं।
पांच विमानों की पहली खेप 27 जुलाई को फ्रांसीसी बंदरगाह शहर बोरदु में मेरिग्नैक एयरबेस से रवाना हुई। ये विमान लगभग 7,000 किलोमीटर की दूरी तय करने के बाद आज दोपहर में अंबाला पहुंचेंगे। इन विमानों को बुधवार दोपहर में भारतीय वायुसेना में स्क्वाड्रन नम्बर 17 ‘गोल्डन एरोज’ में शामिल किया जायेगा। इन विमानों को औपचारिक रूप से भारतीय वायुसेना में शामिल करने के लिए मध्य अगस्त के आसपास समारोह आयोजित किया जाएगा।
पहला राफेल जेट पिछले साल अक्टूबर में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की फ्रांस यात्रा के दौरान भारतीय वायुसेना को सौंपा गया था। राफेल जेट का पहला स्क्वाड्रन अंबाला एयरबेस पर, जबकि दूसरा पश्चिम बंगाल के हासिमारा बेस पर रहेगा।