New Delhi : AIMIM के चीफ़ असादुदीन ओवैसी ने सुप्रीम कोर्ट के पूर्व मुख्य न्यायाधीश Ranjan Gogoi के राज्यसभा सदस्यबनाये जाने के फ़ैसले पर सवाल उठाते हुए कहा – क्या यह “क्विड प्रो क्वो” है? लोगों को न्यायाधीशों की स्वतंत्रता में विश्वास कैसेहोगा? बड़ा सवाल ? 13 महीने तक CJI रहे Ranjan Gogoi ने अयोध्या में राम मंदिर निर्माण करने का आदेश दिया था।
वहीं कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने राज्य सभा का सदस्य नामित किए जाने की खबर को अपने ट्विटर हैंडल पर पोस्ट करतेहुए लिखा, ‘यह तस्वीरें सब बयां करती हैं’।
वहीं कांग्रेस नेता संजय झा ने अपने ट्विटर हैंडल पर लिखा, ‘रंजन गोगोई को राज्यसभा के लिए नामित किया गया. नो कमेंट्स’।
Is it “quid pro quo”?
How will people have faith in the Independence of Judges ? Many Questions pic.twitter.com/IQkAx4ofSf— Asaduddin Owaisi (@asadowaisi) March 16, 2020
वरिष्ठ कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने लिखा, ‘तुम मुझे खून दो मैं तुम्हें आजादी दूंगा. (सुभाष चंद्र बोस )
तुम मेरे हक में वैचारिक फैसला दो मैं तुम्हें राज्यसभा सीट दूंगा।’ वहीं पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा ने लिखा, ‘मुझे आशा है कि रंजनगोगोई की समझ अच्छी है इसलिए वो इस ऑफर को ना कह देंगे. नहीं तो न्याय व्यवस्था को गहरा धक्का लगेगा।’
I hope ex-cji Ranjan Gogoi would have the good sense to say 'NO' to the offer of Rajya Sabha seat to him. Otherwise he will cause incalculable damage to the reputation of the judiciary.
— Yashwant Sinha (@YashwantSinha) March 16, 2020
राष्ट्रपति Ramnath Kovind ने सोमवार देर शाम Ex CJI Ranjan Gogoi को राज्यसभा के लिए नॉमिनेट किया। वे 13 महीने तकसीजेआई रहने के बाद 17 नवंबर 2019 को रिटायर हुए थे। उन्होंने अयोध्या के रामजन्म भूमि विवाद पर लगातार सुनवाई करके निपटाराकिया था। राफेल लड़ाकू विमान की खरीद के मामले में केंद्र सरकार को क्लीन चिट भी उन्होंने ही दी थी।
इससे पहले पूर्व जस्टिस रंगनाथ मिश्रा भी कांग्रेस से जुड़कर संसद सदस्य बन चुके हैं। वहीं, पूर्व सीजेआई पी.सतशिवम को मोदीसरकार ने केरल का पहला राज्यपाल बनाया था।
रिटायर होने से पहले जस्टिस गोगोई ने 10 दिन में दिए थे 5 महत्वपूर्ण फैसले; 3 सरकार के पक्ष में
पहला फैसला: अयोध्या राम जन्मभूमि विवाद मामले में जस्टिस रंजन गगोई की अध्यक्षता में सुप्रीम कोर्ट की पांच सदस्यीय संविधानपीठ ने विवादित भूमि पर राम मंदिर बनाने का फैसला दिया। मुस्लिमों को मस्जिद बनाने के लिए पांच एकड़ जमीन दूसरी जगह दिएजाने का भी आदेश दिया।
दूसरा मामला: राफेल विमान सौदे में लगे घोटाले के आरोपों को लेकर जस्टिस गोगोई ने मोदी सरकार को बड़ी राहत दी। सीजेआई कीअगुवाई वाली बेंच ने राफेल मामले में दायर हुईं सभी पुनर्विचार याचिकाओं को खारिज कर दिया था।
तीसरा फैसला: सुप्रीम कोर्ट ने राहुल गांधी को ‘चौकीदार चोर है’ वाले बयान पर माफी मांगने को कहा था। इस मामले में भाजपाप्रवक्ता मीनाक्षी लेखी ने याचिका दाखिल की थी।
चौथा फैसला: सबरीमाला मंदिर महिलाओं के प्रवेश को लेकर था। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में 2018 के फैसले को बरकरार रखा थाऔर मामला सात सदस्यीय संविधान पीठ को भेज दिया था।
पांचवा मामला : वित्त कानून-2017 के संशोधन को लेकर था। चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यी पीठ नेकानून में संशोधनों को लेकर रोक लगा दी थी और मामला सात सदस्यीय पीठ को भेज दिया था।