केजरीवाल सरकार का आदेश : क्वारैंटाइन पूरा कर चुके तबलीगी जमात के 4000 लोगों को घर भेजो

New Delhi : दिल्ली के निजामुद्दीन मरकज के तबलीगी जमात के मरकज में आयोजित धार्मिक समारोह में शामिल होने के बाद कोरोना वायरस का हॉट स्पॉट बने तबलीगी जमात के करीब 4 हजार सदस्यों को क्वारैंटाइन सेंटर्स में क्वारैंटाइन की अवधि पूरी होने के बाद दिल्ली सरकार ने उन्हें छोड़ने का आदेश दिया है। मरकज मामले में जिन लोगों के नाम दर्ज हैं और जांच के लिए जिनकी आवश्यकता है, तबलीगी जमात के उन सभी सदस्यों को दिल्ली पुलिस की हिरासत में भेजा जायेगा। इसके साथ ही, तबलीगी जमात के जिन सदस्यों की मरकज मामले में जांच के लिए आवश्यकता नहीं है, उन्हें उनके गृह राज्यों में वापस भेजा जायेगा।

इधर कोरोना आपदा के बीच सरकार ने सार्वजनिक परिवहन को जल्द शुरू करने के संकेत दिये हैं। सड़क, परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने ट्रांसपोर्टरों को आश्वासन देते हुये कहा – 24 मार्च को पहली बार लॉकडाउन की घोषणा के बाद से बंद पड़े पब्लिक ट्रांसपोर्ट का ऑपरेशन जल्द शुरू किया जा सकता है। जनता के बीच विश्वास पैदा करने के लिए परिवहन एवं राजमार्गों को खोला जायेगा।
जनता के बीच विश्वास पैदा करने के लिए एक लंबा रास्ता तय करना पड़ेगा।गडकरी ने कहा – कुछ गाइडलाइंस के साथ जल्द सार्वजनिक परिवहन की शुरुआत हो जाएगी। नितिन गडकरी बस एंड कार ऑपरेटर्स ऑफ इंडिया के सदस्यों को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए संबोधित कर रहे थे। हालांकि, उन्होंने बस और कार चलाते वक्त हाथ धोने, सैनिटिजिंग, फेस मास्क जैसी सुरक्षा उपायों को लेकर आगाह किया। कोरोना वायरस महामारी के खतरे को देखते हुए राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन को बढ़ाकर 17 मई तक किया गया है। इस दौरान रेलवे और फ्लाइट्स सर्विस को भी इजाजत नहीं दी गई है। हालांकि, फंसे हुए प्रवासी मजदूरों को निकालने के लिए रेलवे ने करीब 100 से ज्यादा श्रमित स्पेशल ट्रेनें चलाई हैं।

गडकरी ने यह भरोसा जताया कि देश और उद्योग दोनों ही एक साथ दो लड़ाई जीतेंगे, पहला कोरोना के खिलाफ और दूसरा आर्थिक मंदी के खिलाफ। कॉन्फेडरेशन के सदस्यों की तरफ से सार्वजनिक परिवहन की स्थिति में सुधार के लिए कुछ सुझाव दिए गए हैं, इनमें ब्याज के भुगतान में छूट में बढ़ोत्तरी, सार्वजनिक परिवहन की शुरुआत करने, राज्य टैक्स को टालने और इंश्योरेंस पॉलिसी की वैधता को बढ़ाने जैसी चीजें शामिल हैं।

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