New Delhi : हनुमान जी के जन्मोत्सव को देश भर में हनुमान जयंती के रूप में मनाया जाता है। मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम के परम भक्त श्री हनुमान ने शिव के 11वें अवतार के रूप में माता अंजना की कोख से जन्म लिया था। हिन्दू सनातन धर्म में हनुमान जयंती की विशेष मान्यता है। हनुमान जी के स्मरण मात्र से ही सभी कष्ट दूर हो जाते हैं। भक्तों को किसी बात का भय भी नहीं सताता। हिन्दू मान्यताओं में श्री हनुमान जी को परम बलशाली और मंगलकारी माना गया है।
Tallest Hanuman Statue in the world, under construction. #Srikakulam #Uttarandhra 176 FT.#HanumanJayanti pic.twitter.com/YIweemYOIE
— ఉత్తరాంధ్ర నౌ! (@UttarandhraNow) April 9, 2020
हिन्दू कैलेंडर के अनुसार चैत्र शुक्ल पूर्णिमा को श्री हनुमान जयंती मनाई जाती है। ग्रेगोरियन कैलेंडर के मुताबिक हनुमान जयंती हर साल मार्च या अप्रैल महीने में आती है। इस बार बुधवार 8 अप्रैल को हुनमान जयंती है। भक्त अपनी-अपनी मान्यताओं के अनुसार साल में अलग-अलग दिन हनुमान जयंती मनाते हैं। हालांकि उत्तर भारत में चैत्र शुक्ल पूर्णिमा के दिन मनाई जाने वाली हनुमान जयंती अधिक लोकप्रिय है।
भक्तों के लिए हनुमान जयंती का खास महत्व है। संकटमोचन हनुमान को प्रसन्न करने के लिए भक्त पूरे दिन व्रत रखते हैं और हनुमान चालीसा का पाठ करते हैं। इस दिन पांच या 11 बार हनुमान चालीसा का पाठ करने से पवन पुत्र हनुमान प्रसन्न होकर भक्तों पर कृपा बरसाते हैं। इस मौके पर मंदिरों में विशेष पूजा-पाठ का आयोजन होता है। घरों और मंदिरों में भजन-कीर्तन होते हैं। हनुमान जी को प्रसन्न करने के लिए सिंदूर चढ़ाया जाता है। सुंदर कांड का पाठ भी करना चाहिये। शाम की आरती के बाद भक्तों में प्रसाद वितरित करते हुए सभी के लिए मंगल कामना की जाती है। श्री हनुमान जयंती में कई जगहों पर मेला भी लगता है।
ऐसे करें पूजा : हनुमान जयंती के दिन सुबह-सवेरे उठकर सीता-राम और हनुमान जी को याद करें। स्नान करने के बाद ध्यान करें और व्रत का संकल्प लें। इसके बाद स्वच्छ वस्त्र धारण कर पूर्व दिशा में हनुमान जी की प्रतिमा को स्थापित करें। हनुमान जी मूर्ति खड़ी अवस्था में होनी चाहिए।
पूजा करते समय इस मंत्र का जाप करें: ‘ॐ श्री हनुमंते नम:’.
इस दिन हनुमान जी को सिंदूर चढ़ाएं। हनुमान जी को पान का बीड़ा चढ़ाएं। मंगल कामना करते हुए इमरती का भोग लगाना भी शुभ माना जाता है। हनुमान जयंती के दिन रामचरितमानस के सुंदर कांड और हनुमान चालीसा का पाठ करना चाहिए। आरती के बाद गुड़-चने का प्रसाद बांटें।
WATCH: On the occasion of #HanumanJayanti, a closed temple in Thane's Ovala-Majiwada area put up a poster for devotees to follow #coronaviruslockdown norms, offering prayers for the lockdown to end soon. pic.twitter.com/nqWq4ARDit
— Mumbai Mirror (@MumbaiMirror) April 8, 2020
हनुमान जी की पूजा में शुद्धता का बड़ा महत्व है। ऐसे में नहाने के बाद साफ-धुले कपड़े ही पहनें। मांस या मदिरा का सेवन न करें। अगर व्रत रख रहे हैं तो नमक का सेवन न करें। हनुमान जी बाल ब्रह्मचारी थे और स्त्रियों के स्पर्श से दूर रहते थे। ऐसे में महिलाएं हनुमन जी के चरणों में दीपक प्रज्ज्वलित कर सकती हैं। पूजा करते वक्त महिलाएं न तो हनुमान जी मूर्ति का स्पर्श करें और न ही वस्त्र अर्पित करें।