New Delhi : भारत आत्मनिर्भर अभियान की तीसरी किस्त की घोषणा करते हुये वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा – लॉकडाउन में भी किसान काम करते रहे। इसलिये प्रोडक्शन अच्छा हुआ है। दाल उत्पादन में हम दुनिया में तीसरे नंबर और गन्ना उत्पादन में हम दूसरे नंबर पर हैं। किसान देश का पेट भरने के साथ निर्यात भी करता है। अनाज भंडारण, कोल्ड चेन और अन्य कृषि आधारित इन्फ्रास्ट्रक्चर के लिए 1 लाख करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। कृषि उत्पादक संघ, कृषि स्टार्टअप आदि का भी इसका लाभ होगा। माइक्रो फूड इंटरप्राइज के लिए 10,000 करोड़ की स्कीम लाई गई है। बिहार में मखाना के क्लस्टर, केरल में रागी, कश्मीर में केसर, आंध्र प्रदेश में मिर्च, यूपी में आम से जुड़े क्लस्टर बनाये जा सकते हैं।
I will be announcing 11 measures today, of which 8 of them relate to strengthening infrastructure, capacities and building better logistics, while the rest 3 will pertain to governance and administrative reforms: Finance Minister Nirmala Sitharaman https://t.co/vjHIv6COWI pic.twitter.com/7WNxHEHJdn
— ANI (@ANI) May 15, 2020
उन्होंने वित्तीय पैकेज का लेखाजोखा देते हुये कहा – हर्बल खेती के लिये 4 हजार करोड़ रुपए खर्च किये जायेंगे। 10 लाख हेक्टेएयर में यह खेती होगी। इससे किसानों को 5 हजार करोड़ रुपए की आमदनी होगी। इनमें से 800 हेक्टएयर की खेती गंगा के दोनों किनारों पर की जाएगी। पशुपालन में इन्फ्रास्ट्रक्चर विकास के लिए 15 हजार करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। इससे अधिक दूध उत्पादन होगा और प्रोसेसिंग यूनिट आदि लगाए जाएंगे।
केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा- खुरपका-मुंहपका से पीड़ित जानवरों को वैक्सीन नहीं लग पा रहे। इससे किसानों को नुकसान हो रहा है। सभी भैंसों, भेड़ों और बकरियों का वैक्सिनेशन किया जाएगा। वैक्सिनेशन में 13 हजार 343 करोड़ रुपए खर्च होंगे। इससे 53 करोड़ पशुधन को बीमारी से मुक्ति मिलेगी। जनवरी से अब तक 1.5 करोड़ गाय और भैंसों को अब तक वैक्सीन लगाए जा चुके हैं। पशुपालन के इन्फ्रास्ट्रक्चर के विकास के लिए 15 हजार करोड़ रुपए का फंड दिया जाएगा।
मत्स्य संपदा योजना की घोषणा बजट के दौरान घोषित की गई थी। इसे लागू कर रहे हैं। इससे 50 लाख लोगों को रोजगार मिलेगा। भारत का एक्सपोर्ट बढ़ेगा। मत्स्य पालन बढ़ाने के लिए मछुआरों को और नावों के बीमा की सुविधा देंगे।
Animal Husbandry Infrastructure Development Fund of Rs 15,000 crores will be set up: FM Nirmala Sitharaman pic.twitter.com/dc6RmEXABH
— ANI (@ANI) May 15, 2020
समुद्री और अंतरदेशीय मत्स्य पालन के लिए 11000 करोड़ रुपए और 9000 करोड़ रुपए इन्फ्रास्ट्रक्चर के लिए जारी किए जाएंगे। किसान को एपीएमसी लाइसेंस धारकों को ही अपना उत्पाद बेचना पड़ता है। किसानों को अपने उत्पाद की सही कीमत मिले और दूसरे राज्यों में जाकर भी उत्पाद बेच सकें उसके लिए कानूनी में बदलाव किया जाएगा। एक केंद्रीय कानून के तहत उन्हें किसी भी राज्य में अपना उत्पाद ले जाकर बेचने की छूट होगी।