अब कोई चारा नहीं : 28 दिन में भगोड़े विजय माल्या को भारत लेकर आयेगी मोदी सरकार

New Delhi : भारत से बोरिया बिस्तर समेट कर लंदन में मौज कर रहे शराब कारोबारी विजय माल्या की मुश्किलें बढ़ गई हैं। प्रत्यर्पण मामले में ब्रिटेन के सुप्रीम कोर्ट में आवेदन करने को लेकर माल्या की अपील को ब्रिटेन के हाईकोर्ट ने ठुकरा दिया है। अब माल्या के बचने के सारे रास्ते खत्म हो चुके हैं। अब उसके पास कोई कानूनी रास्ता नहीं बचा है। ऐसे में अब उम्मीद है कि उसको महीने भर के अंदर भारत को सौंपा जा सकता है। अब विजय माल्या को 28 दिनों के भीतर भारत भेजा जा सकता है। हालांकि, यह फैसला ब्रिटेन की गृह मंत्री प्रीति पटेल को करना है। हालांकि विजय माल्या पर एक केस और है जिसका निपटारा किया जाना है। अब उसे लाने पर भारत सरकार की भूमिका और प्रभाव बहुत मायने रखेगा।

ब्रिटेन के हाईकोर्ट की तरफ से माल्या को ऐसे समय में झटका लगा है, जब पिछले ही महीने माल्या की प्रत्यर्पण के खिलाफ दायर याचिका को ब्रिटेन के हाईकोर्ट ने रद्द कर दिया था। गुरुवार को एक ट्वीट कर सरकार से 100 प्रतिशत कर्ज चुकाने के उनके प्रस्ताव को स्वीकार करने का आग्रह किया है। उन्होंने कहा – मुझ पर जितना बकाया है वो सारे पैसे ले लो और मेरे खिलाफ जो मामले हैं उसे बंद कर दो। माल्या ने PM Modi द्वारा घोषित 20 लाख करोड़ रुपये के आर्थिक पैकेज पर भारत सरकार को बधाई देते हुए अफसोस जताया कि उनके बकाया चुकाने के प्रस्तावों को बार-बार नजरअंदाज किया गया।
विजय माल्या भारतीय स्टेट बैंक की अगुवाई वाले बैंकों के कंसोर्टियम का करीब 9 हजार करोड़ रुपए का बकाया लेकर मार्च 2016 में देश छोड़कर लंदन भाग गया है। माल्या ने अपने ट्विट में आगे लिखा – कृ्प्या मेरा पैसा बिना शर्त ले लो और मेरे खिलाफ सभी केसों को बंद कर दो। पिछले महीने ही ब्रिटेन की हाईकोर्ट ने भारत प्रत्यर्पण के खिलाफ विजय माल्या की अपील को खारिज कर दिया था। हाल ही में माल्या ने हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है।

माल्या मार्च 2016 से ब्रिटेन में हैं और अप्रैल 2017 से प्रत्यर्पण वारंट पर गिरफ्तारी के बाद जमानत पर हैं। माल्या के प्रत्यर्पण का मामला उनके और उनकी कंपनी को द्वारा आईडीबीआई को ठगे जाने पर स्थिर है। 2009 में आईडीबीआई से किंगफिशर एयरलाइन के लिए माल्या ने कई करोड़ रुपये लिए थे। माल्या की दलील है कि उसने व्यापार में नुकसान के चलते बैंक का पैसा नहीं लौटाया था न कि ठगने के इरादे से।

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