New Delhi : एलएसी पर चीन के लड़ाकू विमान और हेलिकॉप्टर मंडरा रहे हैं। चीन की यह गतिविधियां एलएसी के 10 किलोमीटर एरिया में जारी हैं। ऐसे में भारत ने भी अब पीपुल्स लिबरेशन आर्मी को उसी की भाषा में जवाब देने की तैयारी की है। सैन्य सूत्रों के मुताबिक एलएसी पर चीन के लड़ाकू विमान और हेलिकॉप्टर पर नजर रखने के लिए सेना ने पूर्वी लद्दाख में ‘आकाश’ एडवांस एयर डिफेंस मिसाइल सिस्टम तैनात कर दिया है। इससे भारतीय सेना आसानी से चीन की हरकतों पर नजर रख सकती है। ऐसे में अगर चीन का कोई विमान एलएसी क्रॉस करेगा तो उसे एयर डिफेंस मिसाइल सिस्टम तुरंत गिरा देगा।
India deploys Akash missiles at Ladakh LAC to tackle Chinese threat#India#China #AkashMissiles#Ladakh#LAC https://t.co/cZy1nYJu7s
— India TV (@indiatvnews) June 27, 2020
वैसे चीन ने अपने जवानों को मार्शल आर्ट की ट्रेनिंग दिलवाई थी। चीन के आधिकारिक मिलिट्री न्यूजपेपर ‘चाइना नेशनल डिफेंस न्यूज’ की रिपोर्ट के मुताबिक तिब्बत की राजधानी ल्हासा में चीन ने पांच मिलिशिया डिवीजन को तैनात किया था। इसमें माउंट एवरेस्ट टॉर्च रिले टीम के पूर्व मेंबर और मार्शल आर्ट क्लब के लड़ाके शामिल थे। माउंट एवरेस्ट टॉर्च रिले टीम के मेंबर पहाड़ों पर काम करने में ट्रेंड होते हैं, जबकि मार्शल आर्टिस्ट खतरनाक लड़ाके होते हैं। इन्हें जवानों को फुर्तीला बनाने और ट्रेंड करने के लिए तैनात किया गया था।
मिलिशिया डिवीजन आधिकारिक आर्मी नहीं होती है। यह सेना के मदद के लिए होती है। अखबार में तिब्बती राजधानी ल्हासा में सैकड़ों नए सैनिकों की सीसीटीवी फुटेज भी दिखाई गई है।
तिब्बत कमांडर वांग हाईजियांग ने कहा कि फाइट क्लब के जुड़ने से सैनिकों की ताकत और तुरंत जवाब देने की क्षमता बढ़ेगी। हालांकि, अभी यह नहीं बताया गया है कि इनकी तैनाती मौजूदा तनाव की वजह को देखते हुए ही की गई थी। गलवान संघर्ष के बाद से ही चीन की मीडिया तेवर दिखा रही है। मीडिया में तिब्बत में चीनी सेना के बड़े सैन्य अभ्यासों को अक्रामक तरीके से दिखाया जा रहा है।
Five new militia divisions including former members of a Mount Everest Olympic torch relay team and fighters from a mixed martial arts club presented themselves for inspection at Lhasa on June 15, #China National Defense News reported.#IndiaChinaFaceOffhttps://t.co/krD47sVzSs
— ET Defence (@ETDefence) June 28, 2020
हालांकि, चीन को भी पता था कि 1996 और 2005 के समझौतों की वजह से वह हथियारों का इस्तेमाल नहीं कर सकता था। इसलिए उसने अपने सैनिकों को मार्शल आर्टिस्ट से ट्रेनिंग दिलाई।
इधर वास्तविक नियंत्रण रेखा पर माउंटेन कार्प के एकीकृत बैटल ग्रुप (IBG) की तैनाती की गई है। इस ग्रुप में शामिल जवान ऊंचे पहाड़ी इलाकों में युद्ध करने में पारंगत हैं। ये समूह खासतौर पर ऊंचे पर्वतीय इलाकों में युद्ध के लिए प्रशिक्षित किए जाते हैं। ये 17वीं माउंटेन कार्प के जवान हैं जिन्हें युद्धक समूहों के रूप में चीन से निपटने के लिए खासतौर पर तैयार किया गया है। यह समूह चीन की हर चुनौती से निपटने में सक्षम है।
दरसअल, चीन ने बड़े पैमाने पर पर्वतारोहियों एवं मार्शल आर्ट के लड़ाकों को हाल में अपनी सेना में भर्ती किया है तथा ऐसे पांच डिवीजन बनाकर एलएसी की तरफ भेजे हैं। चीनी मीडिया में आई रिपोर्टों में हालांकि कहा गया है कि यह तिब्बत में तैनाती के लिए हैं, लेकिन सूत्रों का कहना है कि इन्हें एलएसी पर भारतीय सेना के मुकाबले के लिए भेजा गया है। 15 जून से पहले इन्हें तैनात किया गया था।
Main battle tanks (MBTs) attached to a brigade under the #PLA 76th Group Army rumble though dirt roads in formation during a long-distance maneuver on June 18. https://t.co/13PjxKUF63 pic.twitter.com/tMaLgj3K05
— Global Times (@globaltimesnews) June 27, 2020
माउंटेन कार्प के कम से तीन बैटल ग्रुप अग्रिम मोर्चे पर तैनात हैं। इसके अलावा बड़ी संख्या में आईटीबीपी के जवान भी हैं जो पर्वतीय इलाकों में युद्ध का प्रशिक्षण पा चुके हैं। बैटल ग्रुप के जवानों को जरूरत पड़ने पर किसी भी स्थान पर एयरड्रॉप भी किया जा सकता है। जवानों को इसका प्रशिक्षण भी दिया जा चुका है तथा पूर्व में चीन सीमा पर कई स्थानों पर वे युद्धाभ्यास भी कर चुके हैं। सूत्रों का कहना है कि थल सेना की तैयारियों को लगातार वायुसेना का बैकअप मिला हुआ है। वायुसेना एलएसी पर निगरानी के साथ-साथ जवानों को एयरड्रॉप करने के लिए पूरी तरह से तैयार है।