नितिन गडकरी बोले – नैचुरल नहीं है कोरोना, इसे लैब में तैयार किया गया है

New Delhi : केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने एनडीटीवी से बात करते हुये कहा कि कोरोना वायरस नैचुरल तो नहीं है। यह लैब में तैयार किया गया वायरस है। नैचुरल वायरस होता तो इस तरह की आपदा नहीं होती। इससे पहले केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने 13 मई को एक औपचारिक इंटरव्यू में कहा है कि आर्ट ऑफ लीविंग विथ कोरोना सीखना होगा। कोरोना के साथ-साथ जीने का तरीका। उन्होंने कहा उम्मीद है कि सैलून, ब्यूटीपार्लर, छोटे रेस्तरां, मॉल जल्द ही खुल सकेंगे। मगर जरूरी यह है कि हमलोग गाइडलाइन्स को फॉलो करें। बातचीत में कम से कम 4 से 5 फीट की दूरी रखें। ऑफिस के अंदर जाने से पहले, घर के अंदर और बाहर जाने से पहले अपने हाथों को जरूर धोएं। अगर इसमें कोताही करेंगे तो मुश्किल होगी।

कोरोना आपदा और लॉकडाउन के कारण कुंद अर्थव्यवस्था को दुरुस्त करने के लिये PM Narendra Modi द्वारा मंगलवार को 20 लाख करोड़ रुपये के आर्थिक पैकेज की घोषणा की केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने सराहना की। PM Modi द्वारा लघु उद्योगों, कुटीर उद्योग तथा ग्रामीण उद्योगों को दिया गया यह समर्थन उद्योग कभी नहीं भूलेगा।
उन्होंने वीडियो संदेश जारी कर प्रधानमंत्री को धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा – इन उद्योगों में काम करने वाले 11 करोड़ से अधिक कामगारों को राहत मिलेगी। हम इस संकट से बाहर निकलेंगे, सुपर इकनॉमिक पावर बनेंगे और विकास के पथ पर अग्रसर होंगे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निर्देश पर पीएम केयर्स फंड से कोरोना के खिलाफ लड़ाई के लिए 3100 करोड़ रुपये आवंटित किये गये हैं। प्रधानमंत्री कार्यालय के मुताबिक इन 3100 करोड़ में से 2100 करोड़ रुपए से वेंटिलेटर खरीदे जायेंगे। 1000 करोड़ रुपए प्रवासी मजदूरों पर खर्च किये जायेंगे। इसके अलावा लगभग 100 करोड़ रुपये वैक्सीन बनाने के लिये दिये जायेंगे। इधर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि सरकार द्वारा घोषित आर्थिक पैकेज से अर्थव्यवस्था को प्रोत्साहन मिलेगा। उन्होंने बुधवार 13 मई को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन की घोषणाओं के बाद ट्वीट कर आर्थिक पैकेज को उत्साहवर्द्धक बताया।

प्रधानमंत्री ने कहा – पैकेज से कंपनियों विशेषरूप से सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्यमों (एमएसएमई) को मदद मिलेगी। सरकार द्वारा घोषित कदमों से नकदी बढ़ेगी, उद्यमियों को सशक्त किया जा सकेगा और उनकी प्रतिस्पर्धी क्षमता बढ़ाई जा सकेगी।
मोदी ने ट्विटर पर लिखा – वित्त मंत्री सीतारमण ने आज जो घोषणा की है उससे कंपनियों विशेषरूप से एमएसएमई क्षेत्र के समक्ष आ रही दिक्कतों को दूर करने में मदद मिलेगी।
इधर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की 20 लाख करोड़ के आर्थिक पैकेज की घोषणा के बाद आज 13 मई को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और वित्त राज्यमंत्री अनुराग ठाकुर ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इस पैकेज का किस तरह इस्तेमाल किया जायेगा इसकी जानकारी दी। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा ईपीएफ के लिए दी गई सहायता अगले तीन मई के लिए बढ़ाई जा रही है, जो पहले मार्च, अप्रैल, मई तक दी गई थी। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा 15 हजार से कम सैलरी वालों को सरकारी सहायता, सैलरी का 24 फीसदी सरकार पीएफ में जमा करेगी।
प्राइवेट कंपनियों के लिए ईपीएफ का हिस्सा अगले तीन महीने के लिए घटाकर 10-10 फीसद किया गया, जबकि सरकारी कर्मचारियों को पहले की तरह 12 फीसदी ही रहेगा। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा पीएफ कॉन्ट्रीब्यूशन अगले तीन महीनों के लिए घटाया जा रहा है, ये नियोक्ताओं के लिए किया गया है। सरकारी और पीएसयू को 12 प्रतिशत ही देना होगा. पीएसयू पीएफ का 12 फीसदी ही देंगे लेकिन कर्मचारियों को 10 प्रतिशत पीएफ देना होगा।

सरकारी बैंकों में फंसे हुये पैसे को अगले 45 दिनों में निकलवाया जाएगा। 200 करोड़ से कम वाले काम में ग्लोबल टेंडर नहीं होगा जिसका फायदा एमएसएमई को मिलेगा। लाख करोड़ का लोन एमएमएमई को दिया जायेगा। लोन 4 साल के लिए और 100 फीसदी गारंटी फ्री है। उन उद्योगों को मिलेगा, जिनका बकाया लोन 25 करोड़ से कम हो और टर्नओवर 100 करोड़ से ज्यादा ना हो। 10 महीने तक लोन चुकाने में छूट मिलती रहेगी। 31 अक्टूबर 2020 तक ही इस लोन के लिए अप्लाई किया जा सकेगा। किसी भी तरह का अतिरिक्त शुल्क नहीं लिया जाएगा। 45 लाख एमएसएमई को मिलेगा फायदा। 20 हजार करोड़ रुपए स्ट्रेस्ड एमएसएमई को दिया।

अच्छी एमएसएमई के लिए 50 हजार करोड़ का फंड ऑफ फंड बनेगा। सभी छोटे उद्योगों को शामिल किया जाएगा। माइक्रो इंडस्ट्री के लिए 25 लाख से बढ़ाकर निवेश एक करोड़ किया गया। स्माल इंडस्ट्री के लिए 10 करोड़ तक का निवेश और 50 करोड़ तक का कारोबार, मध्यम के लिए 20 करोड़ निवेश और 100 करोड़ के कारोबार को मंजूरी। लोकल उद्योगों को ग्लोबल करने के लिए 200 करोड़ रुपए से कम के ग्लोबल टेंडर के नियम को खत्म कर दिया गया यानी अब 200 करोड़ रुपए से कम का कोई टेंडर नहीं होगा।

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