New Delhi : भारत ने अब चीन से निपटने के नियम बदल दिये हैं। एक शीर्ष सैन्य अधिकारी ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के नेतृत्व में हुई हाई लेवल मीटिंग में लिये गये फैसले की जानकारी देते हुए यह बात कही। पूर्वी लद्दाख की गलवान घटना के बाद भारत ने चीन के प्रति बेहद कड़ा रुख अख्तियार कर लिया है जिसकी झलक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बयान में भी दिखी। भारत ने सेना के तीनों अंगों का अलर्ट लेवल बढ़ाते हुये उन्हें भविष्य में चीन के आक्रामक व्यवहार से कठोर तरीके से निपटने की छूट दे दी है।
#WATCH No formal plans on that: White House Press Secretary Kayleigh McEnany when asked if US President Trump will mediate between India and China pic.twitter.com/F4rV4U02T3
— ANI (@ANI) June 17, 2020
भारत ने चीन के साथ लगी करीब 3,500 किमी की सीमा के पास अग्रिम मोर्चों पर तैनात थल सेना और वायु सेना को अलर्ट कर दिया है। नौसेना को भी हिंद महासागर क्षेत्र में अलर्ट लेवल बढ़ाने को कहा गया है। जहां चीन की नौसेना लगातार दिखती रहती है। तीनों सेनाओं का अलर्ट लेवल बढ़ाने का फैसला रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ और तीनों सेना प्रमुखों के बीच हुई हाई लेवल मीटिंग में लिया गया।
एक शीर्ष सैन्य अधिकारी ने पहचान गुप्त रखने की शर्त पर कहा- अब चीन से निपटने के नियम बिल्कुल अलग होंगे। अग्रिम मोर्चों पर तैनात सैनिकों को खुली छूट दे दी गई है कि अगर चीनी सैनिक आक्रामकता दिखाये तो उसे तुरंत कठोरतम जवाब दिया जाये।
भारत अपने अग्रिम मोर्चों के साथ-साथ अरुणाचल प्रदेश, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश और लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर अतिरिक्त सैन्य टुकड़ियां भेज चुका है। सूत्रों ने बताया कि इंडियन नेवी हिंद महासागर क्षेत्र में तैनाती बढ़ा रही है ताकि चाइनीज नेवी को कड़ा संदेश पहुंच सके।
India-China border tension: A new flashpoint in South Asia @AJENews https://t.co/7mJWL00hWN
— Marie Coleman (@MarieCo92176893) June 17, 2020
बहरहाल, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस मीटिंग के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी मुलाकात की। वह मोदी से मुलाकात के लिये प्रधानमंत्री आवास गये और सीडीएस एवं सेना प्रमुखों के साथ मीटिंग की जानकारी दी। उधर, भारत-चीन के बीच बातचीत का दौर भी जारी है। हालांकि, दोनों देशों के प्रमुख जनरलों के बीच बुधवार को जारी बातचीत बेनतीजा रही। सूत्रों ने कहा कि किसी तरह के जमीनी बदलाव और मतभेद के न होने के कारण बातचीत का कोई नतीजा निकल कर नहीं आया।
For the first time since 1975, #India and #China border tension have led to death casualties with the reason for the clash remaining unclear as both sides blame each other.
Continue reading: https://t.co/S9xEZbgpAd#APFCanada #AsiaWatch #AsiaWatch2020 #cdnpoli pic.twitter.com/5jg5IcqRPB
— APF Canada (@AsiaPacificFdn) June 17, 2020
गलवान में चीनी सैनिकों की धोखेबाजी पर विदेश मंत्री एस. जयशंकर की चीनी समकक्ष वांग यी से फोन पर बात हुई। इस बातचीत में जयशंकर ने स्पष्ट कहा – गलवान घाटी के पैट्रोलिंग पॉइंट- 14 पर सोमवार को जो कुछ हुआ, वह अनायास नहीं था। चीनी पक्ष ने पूर्व नियोजित और योजनाबद्ध तरीके से कार्रवाई की थी। इनमें यथास्थिति को नहीं बदलने के हमारे सभी समझौतों का उल्लंघन करते हुए जमीन पर तथ्यों को बदलने की मंशा नजर आती है।