New Delhi : पाकिस्तान-चीन की सीमा तक टैंकों और सैन्य उपकरणों के फास्ट मूवमेंट के लिये लद्दाख तक भारत एक अहम सड़क का निर्माण कर रहा है। मनाली से लेह तक बन रही इस सड़क से सेना का मूवमेंट काफी तेजी से हो सकेगा। नई सड़क से पहाड़ी राज्य लद्दाख तक तीसरा लिंक उपलब्ध हो जायेगा। चीन के साथ पूर्वी लद्दाख में तनाव के बीच भारत का यह कदम बेहद महत्वपूर्ण है। भारत पिछले 3 सालों से दौलत बेग ओल्डी समेत रणनीतिक तौर पर बहुत ही महत्वपूर्ण नॉर्थ सब सेक्टर और अन्य इलाकों में वैकल्पिक कनेक्टिविटी पर काम कर रहा है।
Saser la – Margo- Burtse route was always there – takes nearly 25 days for soldiers to trudge on foot & road ferry for SSN. Is unviable in ops. So, what is story with byline all about – except doing public relations! Reality PLA has blocked access to SSN! https://t.co/dbjB1JNeTT
— Pravin Sawhney (@PravinSawhney) August 19, 2020
न्यूज एजेंसी एएनआई के मुताबिक सबसे ज्यादा ऊंचाई पर बनी दुनिया के पहले मोटरेबल रोड खारदुंग ला पास से काम पहले ही शुरू हो चुका है। सरकारी सूत्रों के हवाले एजेंसी ने बताया है- सड़क निर्माण से जुड़ीं एजेंसियां मनाली से लेह तक नीमू-पद्म-दार्चा होते हुए वैकल्पिक कनेक्टिविटी मुहैया कराने के लिये काम कर रही हैं। इससे मौजूदा जोजिला पास वाले रास्ते और सार्चु से होकर मनाली से लेह तक के रूट के मुकाबले समय की काफी बचत होगी। नई सड़क से मनाली और लेह की दूरी करीब 3 से 4 घंटे तक कम हो जायेगी।
इसका सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि न तो पाकिस्तान और न ही चीन इस रोड पर आर्मी की मूवमेंट, तैनाती और लद्दाख तक तोप, टैंक जैसे भारी हथियारों की मूवमेंट को देख सकेंगे। वर्तमान में लद्दाख तक सामान और लोगों की आवाजाही मुख्य तौर पर जोजिला वाले रास्ते से होता है जो ड्रास-करगिल से लेह तक गुजरती है। 1999 में करगिल युद्ध के दौरान पाकिस्तानियों ने इसी रूट को बुरी तरह निशाना बनाया था। सूत्रों ने बताया कि इस अहम प्रोजेक्ट पर काम पहले से ही शुरू हो चुका है और नया रोड मनाली को लेह से नीमू के नजदीक जोड़ेगा जहां पीएम मोदी ने चीन के साथ तनाव के दौरान हाल ही में दौरा किया था।
In a seminar with Indian defence industry executives, the MoD @DefProdnIndia says it is expanding the "no-import list" of defence equipment.
Instead, private industry must step up and develop the 44 items the military has asked for as "Make-2" projects.https://t.co/YDG9KfyADu
— Ajai Shukla (@ajaishukla) August 18, 2020
भारत पिछले तीन साल से उत्तरी इलाकों में सामरिक लिहाज से अहमियत रखने वाले दौलत बेग ओल्डी और अन्य इलाकों को जोड़ने के लिए वैकल्पिक रास्तों पर काम कर रहा है। दुनिया की सबसे ऊंची व्हीकल रोड खारदुंग ला पास से ये काम शुरू भी हो गया है। सरकारी सूत्रों के हवाले से न्यूज एजेंसी एएनआई ने बताया एजेंसियां वैकल्पिक रास्ते ढूंढने पर काम कर रही है। नीमू-पदम-दार्चा से होते हुए मनाली को लेह से जोड़ने पर काम किया जा रहा है। अभी श्रीनगर से जोजिला दर्रे के जरिये और सर्चू से होते हुए मनाली से लेह तक का रास्ता तय किया जाता है। ऑल्टरनेटिव कनेक्टिविटी से मौजूदा रास्तों की तुलना में वक्त की काफी बचत हो सकेगी।