New Delhi : कुशासन, भ्रष्टाचार, कोरोना से निपटने में नाकामी और तानाशाही रवैये की वजह से जनता के साथ पार्टी का भी विश्वास खो चुके नेपाल के पीएम केपी शर्मा ओली ने हाथ से छूट रही सत्ता के लिए भारत पर भड़ास निकाली है। केपी शर्मा ओली ने कहा है कि उनकी कुर्सी छीनने के लिए नई दिल्ली और काठमांडू में साजिश रची जा रही है। उन्होंने इसके लिए नक्शा विवाद को वजह बताया है। हालांकि सच्चाई यह है कि चीन के बेहद करीबी ओली के लिए चीन से आया वायरस ही कुर्सी से गिराने वाला बड़ा कारण बन गया है।
Just in: K.P. Sharma Oli said meetings are being organised in India to topple his government | @janusmyth https://t.co/2MURTmwdDF
— The Hindu (@the_hindu) June 28, 2020
काठामांडू पोस्ट के मुताबिक, नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी में अल्पमत में आ चुके केपी ने रविवार को एक कार्यक्रम में कहा- देश का नया नक्शा जारी करने और संसद से इसे पास कराने की वजह से मेरे खिलाफ साजिश रची जा रही है। बुद्धिजीवियों की चर्चा, नई दिल्ली से मीडिया रिपोर्ट्स, दूतावास की गतिविधियों और काठमांडू के अलग-अलग होटलों में चल रही बैठकों से, यह समझना मुश्किल नहीं है कि किस तरह लोग मुझे हटाने के लिए खुलकर एक्टिव हैं। लेकिन उन्हें सफलता नहीं मिलेगी।
अच्छा शासन देने में नाकाम रहे ओली की पार्टी बाहर ही नहीं भीतर भी खूब आलोचना होती है। उनकी सरकार शुरुआत से ही विवादों में रही है। जनता में अपने खिलाफ बढ़ रहे आक्रोश और विपक्ष के हमलावर रुख को कुंद करने के लिए केपी ने नए नक्शे का मुद्दा उछाला। उन्होंने भारतीय क्षेत्रों कालापानी, लिपुलेख और लिंपियाधुरा को नए नक्शे में शामिल कर लिया और इस मुद्दे पर सभी पार्टियों को साथ लाने में सफल रहे। लेकिन इसके बाद फिर वह कोविड-19 से निपटने के इंतजामों में विफलता को लेकर घिर गए। खुद पार्टी के दूसरे अध्यक्ष पुष्प कमल दहल उर्फ प्रचंड ने उनके खिलाफ मोर्चा खोल दिया है।
ओली ने कहा- यदि कोई सोचता है कि मुझे गिरा सकता है तो मैं उसे बताना चाहूंगा कि हमारी राष्ट्रीय एकता इतनी कमजोर नहीं है। ओली ने यह भी कहा कि यदि उन्हें निकाल दिया जाता है तो हर कोई देश के लिए आवाज उठाएगा। पार्टी की बैठकों से भाग रहे ओली ने कहा- मैं लंबे समय तक पीएम नहीं रहूंगा, लेकिन यदि मैं आज छोड़ देता हूं तो कोई ऐसा नहीं होगा जो देश के लिए नहीं बोलेगा। मुझे देश का पीएम बने रहना है, अपने लिए नहीं, देश के लिए और आज के लिए नहीं, बल्कि कल के लिए।
Nepal PM #KPSharmaOli alleges that plot being hatched in Delhi and Kathmandu to unseat him from power.
Which obviously is untrue. He is facing crisis within his own Party.
Even last month he was asked to step down, but was saved by Hou Yanqi, the Chinese ambassador to Nepal. pic.twitter.com/gTSqmjSMYj
— Rahul Upadhyay (@rahulrajnews) June 28, 2020
ओली ने पार्टी के विरोधी खेमे पर तंज कसते हुए कहा, ‘नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी और उसकी संसदीय समिति किसी के बहकावे में नहीं आती। यह बेहतर होगा कि हर कोई इस तथ्य को समझे कि नक्शे को वैसे ही प्रकाशित नहीं किया गया था।’ कम्युनिस्ट पार्टी के अधिकतर नेता ओली के तानाशाही रवैये से नाराज हैं। प्रचंड ने तो इशारों में यहां तक कहा था कि ओली पाकिस्तान की तरह सेना की मदद से सरकार चलाना चाहते हैं, लेकिन यह नेपाल में संभव नहीं है।