NewDelhi : ओडिशा में कोरोना वायरस से संक्रमित जो पहला केस सामने आया है, वह 10 दिन पहले ही इटली से लौटा था। हैरानीकी बात यह है कि 33 साल का यह रिसर्चर दिल्ली से राजधानी ट्रेन का सफर करके भुवनेश्वर पहुंचा था। इस दौरान वह करीब 129 लोगों के संपर्क में रहा। इस खुलासे के बाद स्वास्थ्य महकमे में हड़कंप मचा हुआ है।
इस शख्स ने इटली से वापस आकर होम क्वैरेंटीन से बचने के लिए कई बार गेस्ट हाउस बदले। ऐसे में इस खुलासे ने हर किसी कोहिलाकर रख दिया है। कोरोना से संक्रमित इस 33 साल के रिसर्चर का कैपिटल हॉस्पिटल में इलाज चल रहा है, जहां उसे अबआइसोलेशन वॉर्ड में रखा गया है।
ओडिशा का कोरोना केस जिन 129 लोगों के संपर्क में आया, उनमें से 76 राजधानी एक्सप्रेस में उसके सहयात्री थे। रिसर्चर इटली केमिलान से 6 मार्च को दिल्ली आया था और एयरपोर्ट पर स्क्रीनिंग क्लियर की। बता दें कि चीन के बाद इटली से इस वक्त कोरोना केसबसे अधिक मरीज सामने आ रहे हैं और वहां 200 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है।
उस वक्त तक उसमें कोरोना के लक्षण सामने नहीं आए थे। फिर भी रिसर्चर को 14 दिन के लिए होम आइसोलेशन की सलाह दी गई।उसने भुवनेश्वर न जाने का फैसला किया और 11 मार्च तक दिल्ली में ही एक गेस्ट हाउस से दूसरे गेस्ट हाउस तक जाता रहा।
एक अधिकारी ने बताया – मरीज ने एम्स के पास एक प्राइवेट गेस्ट हाउस में एक रात बिताई। इसके बाद वह आईआईटी दिल्ली के गेस्टहाउस में शिफ्ट हो गया। इसके बाद पहाड़गंज के पास तीसरा गेस्ट हाउस पकड़ा। 11 मार्च को वह भुवनेश्वर जाने वाली राजधानी मेंचढ़ा और अगले दिन फ्लू के लक्षण लिए वह भुवनेश्वर पहुंच गया।
स्टेशन पर लेने पहुंचे पिता, ऑटो से गए घर
रिसर्चर के पिता उसे रेलवे स्टेशन में लेने आए और ऑटोरिक्शा से घर लेकर गए। 13 मार्च को वह चेकअप के लिए कैपिटल अस्पतालगया और अगले दिन आइसोलेशन वॉर्ड में उसे शिफ्ट कर दिया गया। रविवार को उसकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई।