New Delhi : नागपुर में National Environmental Engineering Research Institute(NEERI) ने एक अध्ययन किया है। अध्ययन में सामने आया है – चुनिंदा शहरों में बढ़ते तापमान और घटते कोरोना वायरस के बीच 85 फीसदी पारस्परिक संबंध है। यह पूरे महाराष्ट्र और कर्नाटक जैसे राज्यों में भी हुआ है। सीएसआईआर की एक घटक प्रयोगशाला नीरी ने यह अध्ययन एक गणितीय मॉडल पर की किये गये शोध पर आधारित है।
नीरी अनुसंधान ने कहा कि जब इन दो राज्यों में तापमान और सापेक्ष आर्द्रता के सकल मूल्यों को देखा गया तो 25 डिग्री सेल्सियस और इसके बाद के औसत दिन के तापमान में वृद्धि कोविड-19 मामलों में कमी का कारण बना। इस अध्ययन में बताया गया है कि भारत में गर्म जलवायु कोविड-19 को फैलाने से रोकने में फायदेमंद साबित हो सकती है, लेकिन सोशल डिस्टेंसिंग के अभाव ने तापमान और आर्द्रता जैसे पर्यावरणीय कारकों के फायदों को कम कर दिया है।
सेंटर ऑफ स्ट्रेटेजिक अर्बन मैनेजमेंट, नीरी के निदेशक अनुसंधान सेल में वैज्ञानिक हेमंत भेरवानी ने बताया कि हम केवल तापमान और आर्द्रता या कोविड-19 प्रसार पर उनका प्रभाव, पर फोकस नहीं करना चाहते थे। इसलिए, हमने अनुसंधान में सोशल डिस्टेंसिंग को भी शामिल किया।
कोविड-19 एक तेजी से फैलने वाला संक्रामक रोग है और भारत एक बहुत अधिक जनसंख्या वाला देश है। इसलिए, जब तक सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं किया जाता है, उच्च तापमान जैसे पहलुओं का लाभ दिखाई नहीं दे सकता है।