New Delhi : फिल्म अभिनेता नाना पाटेकर रविवार को सुशांत सिंह राजपूत के घर पहुंचे। परिजन से मिलकर नाना पाटेकर भावुक हो गये। उन्होंने सुशांत के पिता कृष्ण कुमार सिंह को सांत्वना दी और उन्हें संयम रखने को कहा। नाना ने कहा कि सुशांत एक नेक दिल इंसान थे। उन्हें जरूर इंसाफ मिलेगा। सुशांत के जाने से पूरा देश दुखी है। नाना पाटेकर दो दिन के बिहार दौरे पर हैं। वे एक एनजीओ के कार्यक्रम में मोकामा गये थे। इसके बाद वे पटना पहुंचे जहां राजीव नगर स्थित सुशांत के घर जाकर उन्होंने परिजनों से मुलाकात की।
Actor #NanaPatekar arrives in Patna to meet late actor #SushantSinghRajput 's family pic.twitter.com/rX3MBKf0bI
— ETimes (@etimes) June 28, 2020
परिवार को हिम्मत बंधाई। 14 जून को सुशांत ने मुंबई स्थित अपने फ्लैट में जान दे दी थी। शनिवार को उनकी तेरहवीं थी, जो पटना स्थित उनके आवास से संपन्न हुई। इस मामले की जांच मुंबई पुलिस कर रही है। सुशांत के बाद उनके घर अभिनेताओं और नेताओं का आना लगातार जारी है। पिछले दिनों भोजपुरी गायक और भाजपा सांसद मनोज तिवारी, खेसारी लाल यादव, अक्षरा सिंह भी सुशांत के घर पहुंची थीं। उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी और नेता विपक्ष तेजस्वी यादव ने भी सुशांत के परिजन से मुलाकात कर उन्हें सांत्वना दी थी।
इधर सुशांत अपनी दिवंगत मां से बेहद प्यार करते थे, जिसके चलते उन्हें अपने नाम से भी बेहद प्यार था। इसकी वजह बताते हुए उन्होंने कहा था कि मेरे नाम में ही मां का नाम भी छुपा हुआ है। इस बात का खुलासा उन्होंने सोशल मीडिया पर अपने एक फैन के सवाल का जवाब देते हुए किया था, जिसका स्क्रीनशॉट इन दिनों वायरल हो रहा है।
स्क्रीनशॉट के मुताबिक उस फैन ने सुशांत से उनके नाम का मतलब पूछा था, जिसके जवाब में सुशांत कहते हैं- इसका मतलब कुछ भी से लेकर सब कुछ हो सकता है। लेकिन सबसे अच्छी बात ये है कि मेरे नाम के मध्य भाग यानी हृदय में मेरी मां का नाम यानी ऊषा (s’USHA’nt) भी आता है। कितनी अद्भुत बात है ना।
3 जून को उन्होंने इंस्टाग्राम पर आखिरी पोस्ट शेयर की थी। जिसमें उन्होंने मां और अपना फोटो शेयर करते हुए लिखा था- धुंधला अतीत आंसुओं के रूप में वाष्प बनकर उड़ रहा है, मुस्कुराहट को उकेरते असीमित सपने और जिंदगी का ठिकाना नहीं, दोनों के बीच सामंजस्य कर रहा है। मां।
जनवरी 2016 में दिये एक इंटरव्यू के दौरान उन्होंने अपने जीवन का सबसे दुखद मौका बताया था- ये एक भयानक अहसास था, जो अब भी डराता है। मां चल बसी थी। परिवार के किसी सदस्य के जाने से ये मेरा पहला सामना था। जब इस तरह की चीजें होती हैं तो आपको हर चीज के क्षणिक होने का पता चलता है। इस घटना ने मेरे अंदर कुछ बदल दिया। मैं वही व्यक्ति नहीं हूं जो उनके जाने से पहले था।