New Delhi : MP में सियासी ड्रामा फिर से चालू हो गया है. कमलनाथ सरकार एक बार फिर संकट में घिर गई है. कांग्रेस के 6 मंत्रीसमेत 17 और विधायक बेंगलुरू चले गए हैं. इनमें से ज्यादातर विधायक ज्योतिरादित्य सिंधिया के खेमे से हैं. इधर देर रात मुख्यमंत्रीकमलनाथ ने कैबिनेट मीटिंग बुलाकर 20 मंत्रियों के इस्तीफ़े ले लिये.
मध्यप्रदेश कांग्रेस के 6 मंत्रियों समेत 17 विधायक जो पूर्व सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया के समर्थक बताए जाते हैं, वो एक चार्टर्ड विमानसे बीजेपी शासित कर्नाटक के बेंगलुरू चले गए हैं. बागी कांग्रेस विधायकों व अन्य, जो पाला बदलने के लिए तैयार रहे हैं, उनके लिएबेंगलुरू सुर्खियों में रहा है. गांधी परिवार के करीबी रहे ज्योतिरादित्य सिंधिया फिलहाल दिल्ली में हैं और कांग्रेस एक समझौते परबातचीत करने की कोशिश कर रही है. फिलहाल कोई समाधान होता नजर नहीं आ रहा.
मुख्यमंत्री कमलनाथ ने राज्य में जारी सियासी संकट के मद्देनजर सोमवार को ही पार्टी प्रमुख सोनिया गांधी से मुलाकात की थी औरउसके बाद कहा था कि सब ठीक है.
सोनिया गांधी से मुलाकात के बाद कमलनाथ ने कहा था कि बैठक में राज्य के सियासी संकट और राज्यसभा चुनाव पर चर्चा हुई. मंत्रिमंडल में विस्तार पर भी चर्चा हुई.
मुलाकात के बाद कमलनाथ ने कहा – पार्टी अध्यक्ष से मुलाकात हुई, तमाम मुश्किलों पर बात हुई. राज्यसभा उम्मीदवारों को लेकरबातचीत हुई है और जो राजनीतिक घटनाक्रम हुआ है, उसको लेकर भी बातचीत हुई है.
हालांकि कांग्रेस नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया की नाराजगी और उनके कई करीबियों के संपर्क में नहीं होने के सवाल पर कमलनाथ नेकोई जवाब नहीं दिया था. इससे पहले कांग्रेस के 4 विधायक बेंगलुरु चले गए थे जिनमें से दो वापस लौट आए हैं. दो अन्य विधायकों सेअबतक कांग्रेस का संपर्क नहीं हुआ है, जो लौटे हैं वो सीधे मंत्री बनाने की मांग कर रहे हैं, जो रुके हैं उन्हें भी मंत्री बनना है. सबको मंत्रीबनना है.
राज्य में 230 विधायकों की संख्या के हिसाब से 34 सदस्य मंत्री बनाए जा सकते हैं. इस समय मुख्यमंत्री को मिलाकर 29 मंत्री है. 5 मंत्रीऔर शामिल किए जा सकते हैं. वर्तमान में कांग्रेस 114 विधायक के साथ सत्ता में है, तो भाजपा के 107 विधायक हैं. बसपा के 2, सपाका एक और 4 निर्दलीय विधायक हैं.