New Delhi : चीन से भारत भेजी गईं खराब एंटीबॉडी टेस्ट किट को लेकर केंद्र की मोदी सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर हर्षवर्धन ने कहा कि उन्हें उनके संबंधित देशों को वापस किया जाएगा। हालांकि इनमें अधिकांश किट चीन से संबंधित है। इन किट को कोरोना संक्रमण की जांच करने के लिए मंगाया गया था लेकिन यह भारतीय मानदंडों पर खरी नहीं उतरी हैं। जिसके वजह से इन्हें लौटाया जाएगा। स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि इनके लिए अभी तक भुगतान नहीं किया गया है। इन किट के नतीजों को लेकर कई राज्यों से शिकायतें आ रही थीं।
Wherever there is a need, we have also sent our senior officers to support you, they are not sent as monitors. They are there for hand-holding&cooperation so we get feedback on how to further extend help: Health Min Dr Harsh Vardhan during video conference with State health mins https://t.co/dtuqTEi6H3
— ANI (@ANI) April 24, 2020
स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर हर्षवर्धन और स्वास्थ्य राज्य मंत्री अश्विनी चौबे ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ बात की। जिसमें उन्होंने कहा कि सभी दोषपूर्ण एंटीबॉडी परीक्षण किट को लौटा दिया जाएगा। बेशक उन्हें किसी भी देश से क्यों न खरीदा गया हो। मूलत: ये किट चीन से आये हैँ। हमने अभी तक एक भी रुपये का भुगतान नहीं किया है।
डॉक्टर हर्षवर्धन ने कहा – जब भी जरूरत होगी हम आपकी मदद के लिए अपने वरिष्ठ अधिकारियों को भेज देंगे। उन्हें निगरानी करने के लिए नहीं भेजा जाएगा। वे आपका हाथ थामने और सहयोग के लिए हैं। ताकि हमें आगे आपकी मदद के लिए फीडबैक मिल सके।
देश में जिन चीनी कंपनियों की जांच किट पर सवाल उठे हैं, उन पर यूरोप पहले ही प्रतिबंध लगा चुका है। परिणाम भरोसेमंद न मिलने पर यूरोपीय देशों ने 20 लाख किट चीन को वापस भेज दी थीं। आरोप है, चीन ने महीने भर बाद करोड़ों की यही किट भारत को भेज दीं। शुरुआती जांच में संतोषजनक नतीजे आने पर किट्स राज्यों को भजीं, लेकिन राज्यों के सवाल खड़े करने पर इस्तेमाल रोक दिया गया है।
चीन की वांडोफ बायोटे व लिवजोन डायग्नोस्टिक ने अब तक करीब 40 करोड़ की 8.5 लाख किट भारत को भेजी हैं। वांडोफ बायोटेक की 60 फीसदी से ज्यादा किट्स आई हैं। इसी कंपनी ने 20 लाख किट्स ब्रिटेन सरकार को मार्च में दी थीं। वहां शुरुआती जांच में ही गड़बड़ी पकड़ने के बाद रोक लगा दी थी।