मोदी सरकार का आदेश- प्रवासी मजदूर सड़क पर दिखें तो शेल्टर दें, खाना-पानी दें, ट्रेन/बस से घर भेजें

New Delhi : देशव्यापी लॉकडाउन का तीसरा चरण 17 मई को समाप्त हो रहा है। सरकार तमाम तरह की कोशिश कर रही है प्रवासी मजदूरों को मदद मिले लेकिन ऐसा नहीं हो पा रहा है। सड़कों, रेलवे पटरियों पर, ट्रकों में जानवरों की तरह लदे जा रहे हैं प्रवासी मजदूर। बहरहाल केंद्रीय गृह मंत्रालय ने कहा कि अभी भी प्रवासी मजदूर सड़कों, रेलवे की पटरियों और ट्रकों में देखे जा रहे हैं। अगर कोई मजदूर सड़क पर दिखाई पड़े तो उसे पास के शेल्टर में ले जाएं और उसे खाना-पानी दें। मंत्रालय ने कहा कि उन मजदूरों के लिए ट्रेन और बस की व्यवस्था राज्य सरकारों की जिम्मेदारी है, जो अपने घर जाना चाहते हैं।

इधर लॉकडाउन-4 में ज्यादातर जगहों पर व्यावसायिक गतिविधियां शुरू होने की उम्मीद है लेकिन शर्तों के साथ। सोमवार यानी 18 मई से शुरू होने जा रहे चौथे चरण में ग्रीन जोन को पूरी तरह खोलने का फैसला लिया जा सकता है। इस चरण में हॉटस्पॉट तय करने का अधिकार राज्यों को मिलने की उम्मीद है। सोशल डिस्टेन्सिंग का पालन करना और मास्क लगाने जैसे प्रावधान सभी के लिए अनिवार्य रहेंगे।
अगले चरण में ऑरेंज जोन में भी बहुत कम पाबंदियां रहेंगी। रेड जोन में भी कंटेनमेंट एरिया में ही सख्ती रखी जाएगी। यहां तक कि रेड जोन में सैलून, नाई की दुकान और चश्मे की दुकानों को भी खोलने की अनुमति मिल सकती है। हालांकि इस संबंध में विस्तृत गाइडलाइंस राज्य सरकारों के सुझावों के आधार पर गृह मंत्रालय जारी करेगा। राज्य सरकारों को शुक्रवार तक अपने सुझाव देने को कहा गया था।
पंजाब, बंगाल, महाराष्ट्र, असम और तेलंगाना लॉकडाउन को जारी रखना चाहते हैं। इनमें से कुछ राज्य जोन तय करने का अधिकार अपने हाथ में चाहते हैं। राज्यों का यह अनुरोध माना जा सकता है, ताकि राज्य जमीनी हालात के आधार पर किसी क्षेत्र में लोगों की आवाजाही या व्यावसायिक गतिविधियों को लेकर फैसला कर सकें। अभी कोई भी राज्य लॉकडाउन को पूरी तरह से हटाने के पक्ष में नहीं है, लेकिन आर्थिक गतिविधियों को धीरे-धीरे शुरू करना चाहते हैं।

रेलवे और घरेलू उड़ानों के मामले में भी अगले हफ्ते से कुछ अतिरिक्त अनुमति मिलने की उम्मीद है। हालांकि अभी रेल और हवाई जहाज का परिचालन पूरी तरह शुरू होने में वक्त लग सकता है। बिहार, तमिलनाडु, कर्नाटक समेत कई राज्य कम से कम मई अंत तक इन सेवाओं को पूरी तरह चालू करने के पक्ष में नहीं हैं।
लॉकडाउन के अगले चरण में कंटेनमेंट एरिया के अलावा सभी जगहों पर लोकल ट्रेन, बस और मेट्रो सेवाएं भी सीमित क्षमता के साथ शुरू की जा सकती हैं। सीमित सवारियों के साथ ऑटो और टैक्सी के संचालन को भी अनुमति दी जा सकती है। हालांकि इन पर अंतिम फैसला राज्यों का रहेगा। ऑरेंज और रेड जोन में बाजारों को खोलने का फैसला भी राज्य सरकारें लेंगी। राज्य सरकारें गैर जरूरी वस्तुओं की दुकानों को खोलने के लिए ऑड-इवन फॉर्मूला अपना सकती हैं। कंटेनमेंट एरिया को छोड़कर रेड जोन में भी ई-कॉमर्स कंपनियों को सभी वस्तुओं की डिलीवरी की इजाजत देने की तैयारी है। ग्रीन और ऑरेंज जोन में पहले ही ई-कॉमर्स कंपनियों को गैर जरूरी वस्तुओं की डिलीवरी की अनुमति दी जा चुकी है।

सबसे ज्यादा कोरोना मरीजों वाले महाराष्ट्र की सरकार मुंबई, इसके उपनगरीय इलाकों और पुणे में सख्त लॉकडाउन चाहती है। राज्य सरकार एक जिले से दूसरे जिले और दूसरे राज्य के लिए किसी भी तरह के परिवहन की अनुमति नहीं देना चाहती।

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