गरीबों का मसीहा : अब सोनू सूद ने 150 महिला मजदूरों को केरल से ओड़िशा चार्टर्ड प्लेन से भेजा

New Delhi : सोनू सूद द्वारा प्रवासियों को मदद के किस्से खत्म ही नहीं हो रहे। मदद की कई कहानियां एकसाथ चल रही हैं। 15000 प्रवासी मजदूरों को बसों से घर तक पहुंचाने के बाद शुक्रवार 29 मई की सुबह सोनू सूद ने कुछ ऐसा किया है, जिसकी तरीफ करने के लिये शब्द भी कम पड़ रहे हैं। 150 श्रमिक महिलाओं के जीवन में वे भगवान बन कर आये। उन्होंने न सिर्फ महिलाओं को उनके घर तक पहुंचाया बल्कि पहली बार हवाई जहाज से सफर भी करवाया।

 

सोनू सूद ने ओड़िशा की 150 महिला मजदूरों के लिए एक चार्टर्ड विमान किराये पर लिया और सबको कोच्चि से भुवनेश्वर फ्लाइट से भेजा गया। उसके बाद उनको सड़क मार्ग से घर तक। सारी महिलायें कोच्चि की एक कपड़ा फैक्ट्री में काम कर रहे थे। श्रमिकों ने अपनी नौकरी से इस्तीफा दे दिया था और अपने गृहनगर वापस आने की उम्मीद में थे। ये महिला मजदूर किटेक्स कपड़ों में काम कर रही थीं और ओडिशा की केंद्रपाड़ा से थीं। सोनू सूद उनके बचाव में आए और इन महिला श्रमिकों को शुक्रवार सुबह कोची से चार्टर्ड फ्लाइट में ले जाया गया। प्लेन ने एक प्लाईवुड कारखाने में काम करने वाले दस प्रवासी कामगारों को भी पहुँचाया।

 

टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के अनुसार, भुवनेश्वर के लिए उड़ान सुबह 8 बजे कोच्चि से रवाना हुई। प्रत्येक टिकट को अभिनेता सोनू सूद द्वारा प्रायोजित किया गया था। उड़ान 15-923 को सुबह 10.30 बजे भुवनेश्वर पहुंची। जिला प्रशासन के अधिकारियों ने पुष्टि की कि शुक्रवार सुबह श्रमिकों को हवाई अड्डे तक ले जाने के लिए उचित व्यवस्था की गई थी। प्रशासन ने पहले श्रमिकों के लिए ट्रेनों में टिकटों की व्यवस्था की थी लेकिन ट्रेन नहीं खुल सकी और इंतजार लंबार हो रहा था। भारत के पसंदीदा गरीबों के मसीहा सोनू सूद मुंबई में फंसे प्रवासी मजदूरों को उनके गृहनगर वापस लाने में मदद कर रहे हैं।

 

सोनू सूद की हर कोई तारीफ भी कर रहा है। पंजाब के मुख्मंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह, महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोशयारी, केंद्रीय मंत्री स्मृति इरानी, पंजाब के मंत्री, बैडमिंटन स्टार पीवी संधु, क्रिकेट स्टार सुरेश रैना, बॉलीवुड के सिंघम अजय देवगन, बॉलीवुड एक्टर आर माधवन, विवेक ओबराय, कॉमेडियन कपिल शर्मा समेत दर्जनों नेता, अभिनेता उनके बहुत बड़े प्रशंसक बन बैठे हैं। सोनू रोज मुम्बई में फंसे एक हजार से बारह सौ श्रमिकों को उनके घरों तक बसों से बिहार, उत्तर प्रदेश, झारखंड, बंगाल, मध्यप्रदेश भेज रहे हैं।

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