मनोज कुमार : बॉलीवुड का वो भारत कुमार जिसने पैसों से ज्यादा देशभक्ति के लिये फिल्में बनाई

New Delhi : देशभक्ति से लबरेज़ फिल्में बनाने के लिए मशहूर मनोज कुमार आज 82 साल के हो गए हैं। 24 जुलाई 1937 को एबटाबाद (अब पाकिस्तान) में जन्में मनोज कुमार ने अपनी अलग ही पहचान बनाई है। फिल्मों में उनके शानदार अभिनय के साथ-साथ एक बात यह खास है कि ज्यादाकर फिल्मों में उनके किरदार का नाम भारत था। इस वजह से लोग उन्हें ‘भारत कुमार’ भी कहते हैं। आइये जानते हैं इस देशप्रेमी अभिनेता और फिल्ममेकर के बारे में कुछ दिलचस्प बातें।

अभिनेता मनोज कुमार का परिवार भारत-पाकिस्तान के बंटवारे के बाद पाकिस्तान छोड़कर दिल्ली आ गया था। उस समय मनोज कुमार की उम्र महज दस साल की थी और उनका परिवार दिल्ली में एक शरणार्थी के तौर पर रहने लगा। उनकी शिक्षा-दीक्षा दिल्ली में ही हुई।
मनोज कुमार ने 1957 में बनी फिल्म ‘फैशन’ के जरिए बॉलीवुड में पहला कदम रखा। इस फिल्म में उन्होंने एक भिखारी का बहुत छोटा सा रोल निभाया था। ‘कांच की गुड़िया’ (1960) में मनोज कुमार को पहली बार मुख्य भूमिका में लिया गया था। 1960 के दशक में उनकी रोमांटिक फिल्मों में ‘हरियाली और रास्ता’, ‘दो बदन’ के अलावा ‘हनीमून’, ‘अपना बना के देखो’, ‘नकली नवाब’, ‘पत्थर के सनम’, ‘साजन’, ‘सावन की घटा’ और इनके अलावा सामाजिक सरोकार से जुड़ी फिल्मों में- ‘अपने हुए पराये’, ‘पहचान’ ‘आदमी’, ‘शादी’, ‘गृहस्थी’ और ‘गुमनाम’, ‘वो कौन थी?’ आदि फिल्में शामिल थीं।

मनोज कुमार ने देश प्रेम की भावनाओं पर केंद्रित फिल्में बनाई। ‘शहीद’, ‘उपकार’, पूरब और पश्चिम’ से शुरू हुआ उनका सफर ‘क्रांति’ तक लगातार जारी रहा। उनकी फिल्मों ने आम दर्शकों में देश प्रेम का ऐसा जज़्बा जगाया कि देशभक्ति को केंद्र में रखकर और भी फिल्मकार फिल्में बनाने लगे। फिल्मों में योगदान को देखते हुए मनोज कुमार को दादा साहब फाल्के, पद्मश्री, फिल्मफेयर लाइफ टाइम अचीवमेंट जैसे अवार्ड्स से सम्मानित किया जा चुका है। वे एक शानदार डायरेक्टर भी रहे और उन्होंने एक से एक हिट मूवी दी।

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