New Delhi : मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पश्चिम बंगाल में श्रमिक स्पेशल ट्रेन भेजने में रेलवे के सनकी कामकाज में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हस्तक्षेप की मांग की। उन्होंने भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार से आग्रह किया कि जब राज्य कोरोना और अम्फान दोहरे संकट से जूझ रहा है तो कृप्या राजनीति न करें। उन्होंने कहा कि 20 मई के चक्रवात के बाद राज्य का बुनियादी ढांचा सीमा इस तरह फैला हुआ है कि प्रवासी श्रमिकों को लेकर कुछ ट्रेनें ही भीतर आ सकती हैं। रेलवे द्वारा बड़ी संख्या में प्रवासी श्रमिकों को लाया जाना सार्वजनिक स्वास्थ्य के लिए एक बड़ी समस्या हो सकता है।
उन्होंने कहा – राज्य सरकार कोरोना महामारी और चक्रवात के कारण हुई तबाही के दोहरे संकट का सामना कर रही है। हमारा बुनियादी ढांचा पूरी तरह से फैला हुआ है। रेलवे अपनी समझ के अनुसार हर दिन राज्य को श्रमिक स्पेशल ट्रेन भेज रहा है, यहां तक कि हमें सूचित किए बिना भी ट्रेनें भेजी जा रही हैं। हम इन प्रवासी मजदूरों को क्वारंटाइन के लिए कहाँ रखेंगे? यह राजनीति का समय नहीं है। हम बहुत कठिन स्थिति का सामना कर रहे हैं और हमें इससे निपटने के लिए समय और स्थान की आवश्यकता है। वे मुझे राजनीतिक रूप से परेशान कर सकते हैं, लेकिन वे राज्य को नुकसान क्यों पहुंचा रहे हैं? पश्चिम बंगाल इतनी बड़ी आपदा का सामना कर रहा है। यह कोरोना के मामलों में स्पाइक को बढ़ावा देगा।
बनर्जी ने कहा- मैं प्रधानमंत्री और गृहमंत्री से इस मामले को देखने का अनुरोध करती हैं। प्रधानमंत्री को दखल देना चाहिए। तृणमूल कांग्रेस सरकार ने रेल मंत्रालय से अम्फान चक्रवात से हुई तबाही के मद्देनजर राज्य में 26 मई तक श्रमिक विशेष ट्रेन नहीं भेजने का अनुरोध किया था। बनर्जी ने कहा कि महाराष्ट्र, दिल्ली, गुजरात, मध्यप्रदेश और तमिलनाडु जैसे कोरोना वायरस हॉटस्पॉट राज्यों से आने वालों को 14 दिन के क्वारैंटाइन में रहना होगा।