मैथिली ठाकुर जिसे इंडियन आईडल ने नहीं पहचाना, आज कम उम्र में पूरी दुनिया में कर रही नाम

New Delhi : मैथिली ठाकुर! जिसे आपने अपने दो भाईयों के साथ सोशल मीडिया पर अलग अलग भाषाओं में गाते देखा होगा। 20 साल की ये लड़की पिछले एक साल में इतनी फेमस हुई कि आज पूरे देश में अपनी गायिकी के लिए जानी जाती है। उनकी प्रतिभा का अंदाजा इस बात से लगाया जाता है कि आप उन्हें कभी बिहार और उत्तर पूर्व भारत के मशहूर लोकगीत गाते देखेंगे तो कभी अंग्रेजी और चाईनीज के फेमस गाने। कभी आप उन्हें प्रेम और सूफी संगीत पर अपनी धुन जमाते देखेंगे, तो कभी किसी फेमस फिल्मी हिपहॉप गाने पर अपनी आवाज का जादू बिखेरते वो दिख जाएंगी। वो हर तरह के रिदम में किस तरह गाना है ये बखूबी जानती हैं। और उनमें ये प्रतिभा आज की नहीं है वो जब 5 साल की थी तभी से लोगों का दिल जीत रही हैं। आइए जानते हैं इस मल्टी टेलेंटेड यंग सुर कोकिला के बारे में।

मैथिली वैसे तो बिहार के मधुबनी की रहने वाली हैं लेकिन उनका बचपन दिल्ली में बीता है यहीं से उनरी पढ़ाई लिखाई भी हुई है। मैथिली के पिता रमेश ठाकुर जो खुद अपने क्षेत्र के प्रशिद्ध संगीतकार हैं अपने परिवार के साथ दिल्ली आ गए थे। उनके पिता बिहार छोड़ दिल्ली में तो आ गए लेकिन बिहार और मधबनी उनसे न छूटा। अपनी मिट्टी की खुशबू, वहां का लोक साहित्य, वहां के लोक गीत, वहां की परंपराएं जैसे सब वो अपने साथ ही ले आए। अपनी मिट्टी से जुड़े इन सभी संस्कारों से पिता रमेश ठाकुर ने अपने तीनों बच्चों को इनसे जुड़ना और इनसे घुलना-मिलना सिखाया। लोग जब मैथिली को पुरखों के जमाने के लोक गीतों के साथ ही बॉलीवुड के हिपहॉप सान्ग और अंग्रेजी सहित दूसरी भाषाओं में गाता देखते हैं तो उन्हें काफी हैरानी होती है। दरअसल उनके संगीत में ये विविधता उनके संस्कारों से ही आई है।
उनका लगभग पूरा परिवार संगीत को ही समर्पित है। मैथिली के साथ उनके दो भाई ऋषभ और अयाची ठाकुर भी संगीत की गहरी समझ रखते हैं। एक गायन में पकड़ रखता है तो दूसरा भाई बेहतरीन तबला बजाता है। मैथिली के हर गाने में ये दोनों भाई आपको संगतकार की भूमिका में नजर आएंगे। तीनों भाई बहन बाल भवन इंटरनेशनल स्कूल के छात्र हैं। मैथिली ने यहां से 12वीं करने के बाद उन्होंने दिल्ली के ही आत्मा राम सनातन कॉलेज में एडमिशन लिया अब वो लास्ट यर में हैं। मैथिली की संगीत यात्रा 2011 में शुरू हुई, जब वे ज़ी टीवी पर प्रसारित होने वाले म्यूजिक रियेलिटी शो लिटिल चैंप्स में दिखाई दी। ये पहला मौका था जब मैथिली देश की नजरों में आईं। यहां से उन्हें पहचान मिली। चार साल बाद,वो इंडियन आइडल जूनियर, में नजर आईं। लेकिन यहां वो ज्यादा आगे तक नहीं जा सकीं।
वो लगातार गाती रहीं। बाकी युवा सिंगर्स की तरह मैथिली के साथ ये दिक्कत नहीं है कि वो एक ही किस्म के गाने गाएं, मैथिली क्लासिक से लेकर हिपहोप, प्रेम और सूफी से लेकर लोक गीत, हिंदी, भोजपुरी, अवधी और विदेशी भाषाओं तक के उन्होंने गाने गाए हैं। उन्होंने गाने में कभी परहेज नहीं किया। यही खूबी उन्हं लगातार नये नये मंच देती गई। 2017 में म्यूजिक शो राइजिंग स्टार के जरिए बड़ी पहचान मिली।

वो इस शो की टॉप 2 फाइनलिस्ट में रहीं। यहां से उन्हें म्यूजिक इंडस्ट्री तक में पहचाना जाने लगा। इसके बाद मैथिली ने अपने यूट्यूब चैनल और दूसरे सोशल मीडिया चैनल्स के जरिए हर भारतीय के दिल में जगह बनाई। आज वो इतनी पॉपुलर हो गईं हैं कि उनका नाम भावी सुपरस्टार में सबसे आगे रखकर गिना जाता है।

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