New Delhi: किसी ने क्या खूब कहा है कि जहां चाह होती है वहीं राह होती है। कुछ लोग ऐसे होते हैं जो घरों में आराम से रहकर जीवन यापन करते हैं, वहीं कुछ ऐसे भी लोग होते हैं जो संघर्ष कर कुछ कर दिखाने की कोशिश करते हैं। सड़कों पर रहने वाले इन लोगों के लिए दो वक्त की रोटी भी आफत है, ऐसे में बच्चों को पढ़ाना बहुत ही कठिन बात है। लेकिन किरण काले की चाह ने उनके लिए रास्ते खोल दिए और आज उन्होंने वो सफलता पाई है जो उनके जैसे बच्चों के लिए आसान नहीं होती।
महाराष्ट्र राज्य माध्यमिक और उच्च माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की 10वीं कक्षा के रिजल्ट घोषित किए गए। ये स्कूल सड़क पर रहने को मजबूर बच्चों को शिक्षा का अवसर प्रदान करता है। किरण भी इसी स्कूल के छात्र हैं। किरण के पिता का कई साल पहले निधन हो गया था। जिसके बाद उनकी मां ने सड़क पर फूल बेच कर उन्हें पाला। वो परिवार की इकलौती कमाने वाली हैं। इनका पूरा परिवार फुटपाथ पर रहता है।
किरण ने अपनी इस सफलता पर बताया कि, “यह अस्तित्व की लड़ाई थी और हम एक दिन के व्यवसाय को छोड़ने का जोखिम नहीं उठा सकते थे, जिसके कारण मैं अक्सर अपनी मां के साथ फूल खरीदने और बाद में उन्हें बेचने के लिए जाता था । मैंने कई बार स्ट्रीटलाइट के नीचे पढ़ाई की। सिग्नल शाला परिसर में स्कूल के साथियों के साथ अपनी सफलता का जश्न मनाते हुए वह गर्व से झूम उठे। किरण ने कहा कि, “वह एक पुलिस अधिकारी बनना चाहते हैं और अपनी मां के लिए एक घर खरीदना चाहते हैं।