महाराजा की थीं 365 रानियां : ईत्र फ्रांस से और ब्यूटीशियन आती थी इंग्लैंड से, मिलन की अदभुत कहानियां

New Delhi : भारत के पटियाला रियासत के महाराजा और पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर के दादा महाराजा भूपिंदर सिंह की रंगीन मिजाजी के किस्से आप जानते हैं या नहीं ? पटियाला के इन महाराजा की गतिविधियों का जिक्र महाराजा भूपिंदर सिंह के दीवान जरमनी दास ने अपनी किताब ‘महाराजा’ में किया है। महाराजा भूपिंदर सिंह ने पटियाला में ‘लीला-भवन’ या रंगरलियों का महल बनवाया था, जहां केवल निर्वस्त्र लोगों को एंट्री मिलती थी। यह महल पटियाला शहर में भूपेन्दरनगर जाने वाली सड़क पर बाहरदरी बाग़ के करीब बना हुआ है। इसका जिक्र उनके दीवान ने ‘महाराजा’ में किया है।

महाराजा की 10 अधिकृत महारानियां थीं और कुल 365 रानियां थीं। इन रानियों की सुख-सुविधा का महाराज पूरा ख्याल रखते थे। उनके लिये ब्यूटीशियन इंग्लैंड से आया करती थीं और ईत्र फ्रांस से। यही नहीं महारानियों को उनके शौक की हर चीज विदेशों से लाकर मुहैया कराई जाती थी। महाराजा की रानियों के लिये बनाये गये महल अब ऐतिहासिक धरोहर बन चुके हैं। 365 रानियों के लिए पटियाला में भव्य महल बनाये गये थे। रानियों के स्वास्थ्य की जांच के लिए चिकित्सा विशेषज्ञों की टीम भी इन महलों में ही रहती थी। उनकी इच्छा के मुताबिक उन्हें हर चीज मुहैया करवाई जाती थी।
दीवान जरमनी दास के मुताबिक महाराजा भूपिंदर सिंह की दस पत्नियों से 83 बच्चे हुये थे जिनमें 53 ही जी पाये थे। महाराजा कैसे अपनी 365 रानियों को संतुष्ट रखते थे इसे लेकर इतिहास में एक किस्सा बहुत मशहूर है। बताते हैं कि महाराजा पटियाला के महल में रोजाना 365 लालटेनें जलाई जाती थीं। जिस पर उनकी 365 रानियों में से हर रानी का हर लालटेन पर नाम लिखा होता था। जो लालटेन सुबह पहले बुझती थी महाराजा उस लालटेन पर लिखे रानी के नाम को पढ़ते थे और फिर उसी के साथ रात गुजारते थे।

महाराजा भुपिंदर सिंह का किला पटियाला शहर के बीचोबीच 10 एकड़ क्षेत्र में फैला हुआ है। मुख्य महल, गेस्ट हाउस और दरबार हॉल इस किले के परिसर के प्रमुख भाग हैं। इस परिसर के बाहर दर्शनी गेट, शिव मंदिर और दुकानें हैं। इन दोनों महलों को बड़ी संख्‍या में भीत्ति चित्रों से सजाया गया है, जि‍न्हें महाराजा नरेन्द्र सिंह की देखरेख में बनवाया गया था। किला मुबारक के अंदर बने इन महलों में 16 रंगे हुये और कांच से सजाये गये चैंबर हैं।
महाराजा ने महल के बाहर एक स्विमिंग पूल बनवाया था। पूल इतना बड़ा था कि 150 औरतें एक साथ नहा सकें। यहां बड़ी शानदार पार्टियां होती थीं। पार्टियों में खुलेआम रंगरलियां चलती थी। उन पार्टियों में शरीक हाने के लिए महाराजा अपनी प्रेमिकाओं को बुलाते थे। वे सब, महाराजा और उनके दो-चार ख़ास मेहमानों के साथ तालाब में नहाती और तैरती थीं। पटियाला पैग भी दुनिया को महाराजा भूपिंदर सिंह की ही देन है।

महाराजा भूपिंदर सिंह के पास 2,930 हीरो वाला नेकलेस था, जिसमें दुनिया का सातवां सबसे बड़ा हीरा जड़ा था। इस नेकलेस का वजन लगभग एक हजार कैरेट था। इस नेकलस की कुल कीमत 166 करोड़ थी। फिलहाल इस नेकलेस को बनाने वाली कंपनी कार्टियर का इस पर मलिकाना हक है।

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